मार्च तिमाही में सरकार की कुल देनदारियां 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये पर |

मार्च तिमाही में सरकार की कुल देनदारियां 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये पर

मार्च तिमाही में सरकार की कुल देनदारियां 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : June 30, 2022/7:56 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) सरकार की कुल देनदारियां जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये हो गईं जो इससे पिछली दिसंबर, 2021 की तिमाही में 128.41 लाख करोड़ रुपये थीं।

सार्वजनिक ऋण प्रबंधन पर ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वास्तविक संदर्भ में ‘सार्वजनिक खाते’ के तहत देनदारियों समेत सरकार की कुल देनदारियां 31 मार्च, 2022 के अंत में बढ़कर 1,33,22,727 करोड़ रुपये हो गईं। एक साल पहले कुल देनदारियां 1,28,41,996 करोड़ रुपये थीं।

वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च, 2022 के अंत में सार्वजनिक ऋण कुल बकाया देनदारियों का 92.28 प्रतिशत था। दिसंबर, 2021 के अंत में यह अनुपात 91.60 प्रतिशत था।

इसके साथ ही दिनांकित प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम पर भारित औसत प्रतिफल समाप्त वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.33 प्रतिशत से बढ़कर चौथी तिमाही में 6.66 प्रतिशत हो गया।

दिनांकित प्रतिभूतियों को जारी करने की भारित औसत परिपक्वता भी वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में बढ़कर 17.56 वर्ष हो गई जबकि तीसरी तिमाही में यह अवधि 16.88 वर्ष थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही के अंत में दिनांकित प्रतिभूतियों के बकाया स्टॉक की भारित औसत परिपक्वता 11.69 वर्ष थी जबकि चौथी तिमाही के अंत में यह 11.71 वर्ष हो गई।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया।

सरकार की प्रतिभूतियों के स्वामित्व के संदर्भ में कहा गया है कि मार्च तिमाही के अंत में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.75 प्रतिशत थी जो दिसंबर, 2021 के अंत में 35.40 प्रतिशत थी।

मार्च के अंत में बीमा कंपनियों और भविष्य निधि की हिस्सेदारी क्रमश: 25.89 प्रतिशत और 4.60 प्रतिशत थी। वहीं म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 2.91 प्रतिशत थी जबकि आरबीआई की हिस्सेदारी 16.62 प्रतिशत रही।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)