प्याज की कमी को रोकने के लिए सरकार की बड़े पैमाने पर विकिरण प्रसंस्करण की योजना

प्याज की कमी को रोकने के लिए सरकार की बड़े पैमाने पर विकिरण प्रसंस्करण की योजना

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  • Publish Date - May 23, 2024 / 05:22 PM IST,
    Updated On - May 23, 2024 / 05:22 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मई (भाषा) सरकार इस साल 1,00,000 टन का बफर स्टॉक बनाने के लिए प्याज के विकिरण प्रसंस्करण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की योजना बना रही है। इस कदम का मकसद राजनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाने वाले प्याज की कमी और मूल्यवृद्धि को रोकना है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

सरकार के अनुमानों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम पैदावार के कारण दुनिया के सबसे बड़े प्याज निर्यातक के उत्पादन में 2023-24 में 16 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। प्याज का उत्पादन दो करोड़ 54.7 लाख टन रहने की उम्मीद है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव निधि खरे ने कहा कि जमाखोरी को हतोत्साहित करने और अक्सर आपूर्ति में व्यवधान से उत्पन्न होने वाली कीमतों में अस्थिरता को रोकने के लिए सरकार प्याज के ‘स्वजीवन’ (शेल्फ लाइफ) को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर विकिरण प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है।

खरे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम उपभोग क्षेत्रों के आसपास 50 विकिरण केंद्रों की पहचान कर रहे हैं। अगर हम सफल होते हैं, तो इस साल एक लाख टन तक विकिरण-प्रसंस्कृत प्याज का भंडारण कर पाएंगे।’’

मंत्रालय ने सरकारी एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ से, जो इस साल बफर स्टॉक बनाने के लिए 5,00,000 टन प्याज खरीद रहे हैं, सोनीपत, ठाणे, नासिक और मुंबई जैसे प्रमुख खपत केंद्रों के आसपास विकिरण सुविधाओं की खोज करने को कहा है।

पिछले साल महाराष्ट्र के उत्पादक क्षेत्र के पास 1,200 टन के छोटे पैमाने पर विकिरण प्रसंस्करण की कोशिश की गई थी।

खरे ने कहा कि बफर स्टॉक के तेजी से परिवहन की सुविधा के लिए मंत्रालय प्रमुख रेल केंद्रों पर नियंत्रित वातावरण भंडारण सुविधाएं स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय