सरकार की 2025-26 की पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना

सरकार की 2025-26 की पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना

सरकार की 2025-26 की पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना
Modified Date: March 27, 2025 / 07:29 pm IST
Published Date: March 27, 2025 7:29 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान दीर्घकालीन प्रतिभूतियों के जरिये आठ लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना बना रही है। यह राशि राजस्व अंतर को पूरा करने के लिए जुटायी जाएगी।

आधिकारिक बयान के अनुसार, 2025-26 के लिए बाजार से कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाये जाने का अनुमान है। इसमें से लंबी और निश्चित परिपक्वता अवधि वाली प्रतिभूतियों के माध्यम से पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये यानी 54 प्रतिशत कर्ज लेने की योजना है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी हरित बॉन्ड शामिल हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दीर्घकालीन प्रतिभूतियां जारी कर 14.82 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव किया है।

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राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।

निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 2025-26 के लिए 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।

राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए, दीर्घकालीन प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। शेष राशि लघु बचत और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है।

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियां और व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।’’

भाषा रमण अजय

अजय


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