नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) सरकार निर्यातकों को रोडटेप योजना के तहत घरेलू उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क मामलों से निपटने में मदद करने के लिए एक सत्यापन प्रणाली पर काम कर रही है।
यह कवायद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने कुछ घरेलू इकाइयों पर प्रतिपूर्ति या सब्सिडी-रोधी शुल्क लगाया है।
इन देशों ने जिन उत्पादों की जांच की, उनमें निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट योजना (रोडटेप) के तहत बिजली शुल्क, ईंधन पर वैट या एपीएमसी करों की प्रतिपूर्ति शामिल थी।
यह योजना डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के अनुरूप उपाय है।
एक अधिकारी ने बताया कि शुल्क केवल कुछ इकाइयों पर लगाया गया है और वह भी इसलिए क्योंकि वे जांच अधिकारियों को सही दस्तावेज पेश नहीं कर सके।
वाणिज्य मंत्रालय इन मामलों से निपटने के लिए भारतीय निर्यातकों को उचित दस्तावेज रखने में मदद कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, ”इन इकाइयों को डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) से मार्गदर्शन दिया जाएगा, ताकि जब भी कोई जांच हो, वे उचित दस्तावेज देने की स्थिति में हों।”
जांच अधिकारी आधिकारिक सत्यापन तंत्र पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सरकार शुल्क की घटनाओं की जांच कर रही है या नहीं।
यह प्रणाली रोडटेप योजना के तहत दावों को सत्यापित करने में मदद करेगी।
भाषा पाण्डेय अजय
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