Gratuity is available even after not completing 5 years

Gratuity : 5 साल पूरे नहीं होने पर भी मिलती है ग्रेच्युटी, जानें कैसे

Gratuity rule: निजी सेक्टर में काम करने वालों कर्मचारियों को लेकर लोग कई तरह से सवाल करते रहते हैं। मसलन, सैलरी कितनी है, पीएफ कटता है....

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : July 7, 2022/2:11 pm IST

Gratuity rule: निजी सेक्टर में काम करने वालों कर्मचारियों को लेकर लोग कई तरह से सवाल करते रहते हैं। मसलन, सैलरी कितनी है, पीएफ कटता है कि नहीं, छुट्टी कितनी मिलती है, वीकली ऑफ मिलता है की नहीं वगैरह-वगैरह…। वहीं ग्रेच्युटी को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं। सरकार ने भी ग्रेच्युटी में बदलाव के संकेत दिए हैं। लेकिन फिलहाल इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। सबसे ज्यादा सैलरीड क्लास में एक बात को लेकर चर्चा होती है कि लगातार कितने दिन काम करने के बाद ग्रेच्युटी मिलती है। ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको इस खबर के माध्यम से मिल जाएंगे।

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ग्रेच्युटी कंपनी की तरफ से अपने कर्मचारियों को दी जाती है। यह एक तरह से लगातार सेवा के बदले कंपनी की ओर से कर्मचारी का साभार जताया जाता है।देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। इसके साथ ही 10 से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाली दुकानों और कंपनियों के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का बेनिफिट मिलता है। वैसे किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करने वाले कर्मचारी ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में 5 साल से कम की सर्विस पर भी ग्रेच्युटी का बेनिफिट मिल जाता है। ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act) के सेक्शन-2A में ‘लगातार काम करने’ को स्पष्ट तौर पर डिफाइन किया गया है।

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इसके हिसाब से पूरे 5 साल काम नहीं करने पर भी कई कर्मचारी ग्रेच्युटी का बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। ग्रेच्युटी एक्ट के सेक्शन-2A के अनुसार भूमिगत खदानों में काम करने वाले कर्मचारी अगर अपने एम्प्लॉयर के साथ लगातार 4 साल 190 दिन पूरे कर लेते हैं, तो उन्हें ग्रेच्युटी का बेनिफिट मिल जाता है। वहीं, अन्य संगठनों में काम करने वाले कर्मचारी 4 साल 240 दिन (यानी 4 साल 8 महीने) काम करने के बाद ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। बिल्कुल हां, कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि ग्रेच्युटी समय कैलकुलेशन में नोटिस पीरियड को काउंट किया जाता है या नहीं? नियम साफ कहता है कि नोटिस पीरियड को ‘लगातार सर्विस’ में काउंट किया जाता है, इसलिए नोटिस पीरियड को ग्रेच्युटी में जोड़ा जाता है। बता दें कि अभी तक जो नियम है उसके मुताबिक ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारी को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल कार्यरत रहना जरूरी है। लेकिन केंद्र सरकार इसे घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है कि बडे़ पैमाने पर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ होगा।

जानें कैसे करते हैं ग्रेच्युटी कैलकुलेट

कुल ग्रेच्युटी की रकम= (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)।
उदाहरण से समझिए: – मान लीजिए कि आपने लगातार 7 साल तक एक ही कंपनी में काम किया। अंतिम सैलरी 35000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है। तो कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा…
(35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये। किसी कर्मचारी को अधिकतम 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिल सकती है।

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