निवेश सलाहकारों के लिये सलाहकार सेवाओं, वितरण गतिविधियों को अलग रखने के दिशानिर्देश जारी

निवेश सलाहकारों के लिये सलाहकार सेवाओं, वितरण गतिविधियों को अलग रखने के दिशानिर्देश जारी

  •  
  • Publish Date - September 24, 2020 / 01:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकारों के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। बाजार नियामक ने निवेश सलाहकारों को ग्राहकों के स्तर पर सलाहकार सेवाओं और उत्पाद वितरण गतिविधियों को अलग रखने को सुनिश्चित करने को कहा है।

इसके अलावा सेबी ने निवेश सलहाकारों द्वारा ग्राहकों से लिये जाने वाले शुल्क की अधिकतम सीमा भी तय की है। उसने लेखा परीक्षा और रिकॉर्ड रखने से संबंधित एक प्रक्रियात्मक रूपरेखा भी पेश की है।

नियमों के तहत, एक व्यक्तिगत निवेश सलाहकार, गैर-व्यक्तिगत निवेश सलाहकार के रूप में पंजीकरण के लिये आवेदन करेगा और उसके पास 150 ग्राहक होने चाहिये जिन्हें वह सेवा देगा। निवेश सलाहकार को अपने ग्राहकों के साथ निवेश सलाहकार समझौता करना होगा।

बुधवार को एक परिपत्र में, नियामक ने कहा कि निवेश सलाहकारों को सलाहकार और वितरण गतिविधि सेवाओं के मामले में ग्राहक के स्तर पर अलगाव के संबंध में अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

सेबी ने कहा है आगे कहा है कि ग्राहक के स्तर पर सेवाओं के मामले में पृथक्करण सुनिश्चित करने के लिये जो मौजूदा ग्राहक सलाहकार सेवायें लेना चाहते हैं वह उसी निवेश सलाहकार के समूह अथवा पारिवारिक इकाइयों से वितरण सेवायें लेने के लिये पात्र नहीं होंगे। इसी प्रकार वितरण सेवाओं के मामले में भी यह लागू होगा।

इसमें यह भी कहा गया है कि कोई नया ग्राहक निवेश सलाहकार समूह के भीतर सलाहकार सेवायें अथवा वितरण सेवायें कोई एक सेवा लेने के लिये ही पात्र होगा। यह विकल्प समूह की सेवायें लेते समय उपलब्ध कराया जाना चाहिये।

नियामक ने कहा है, ‘‘निवेश सलाहकारों को अपने मौजूदा ग्राहकों सहित अन्य ग्राहकों के साथ एक अप्रैल 2021 तक निवेश सलहाकार समझौता करना होगा और इस संबंध में पूरी रिपोर्ट सेबी को 30 जून 2021 तक सौंपनी होगी।’’

फीस के बारे में कहा गया है कि निवेश सलाहकारों को ग्राहकों से दो में से किसे एक तरीके से लेनी होगी — सलाह के तहत आने वाली संपत्तियों (एयूए) के मुताबिक या फिर निर्धारित शुल्क। एयूए के मामले में सलाह के तहत आने वाले संपत्तियों के मूल्य के सालाना 2.5 प्रतिशत सालाना प्रति ग्राहक से अधिक नहीं होगी। निधारित शुल्क व्यवस्था में यह प्रति ग्राहक सभी तरह की सेवाओं के लिये 1.25 लाख रुपये सालाना से अधिक नहीं होगी। फीस किसी एक विकल्प के तहत ही ली जायेगी और एक साल के बाद ही विकल्प को बदला जा सकेगा।

भाषा

सुमन महाबीर

महाबीर