आधी भारतीय कंपनियां एआई पर निर्भर, लेकिन बजट अभी भी कम: रिपोर्ट

आधी भारतीय कंपनियां एआई पर निर्भर, लेकिन बजट अभी भी कम: रिपोर्ट

आधी भारतीय कंपनियां एआई पर निर्भर, लेकिन बजट अभी भी कम: रिपोर्ट
Modified Date: November 16, 2025 / 05:22 pm IST
Published Date: November 16, 2025 5:22 pm IST

नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) ईवाई-सीआईआई की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग आधी भारतीय कंपनियां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की सक्रिय रूप से तैनाती कर रही हैं। इनमें से 47 प्रतिशत ने बताया कि अब उत्पादन में कई तरह से जनरेटिव एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है।

रिपोर्ट में पाया गया कि एआई की संभावनाओं में दृढ़ विश्वास के बावजूद इनमें निवेश का स्तर कम बना हुआ है। करीब 95 प्रतिशत कंपनियों का एआई और एमएल (मशीन लर्निंग) बजट, उनके कुल आईटी खर्च के 20 प्रतिशत से कम है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ”लगभग आधे भारतीय उद्यमों (47 प्रतिशत) के पास अब जनरेटिव एआई (जेनएआई) के उपयोग के कई मामले मौजूद हैं, जबकि 23 प्रतिशत शुरुआती चरण में हैं।”

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भारतीय उद्योग एआई को अपने मुख्य व्यावसायिक कार्यक्रमों में शामिल करके मजबूत आत्मविश्वास दिखा रहे हैं। करीब 76 प्रतिशत उद्यमियों का मानना ​​है कि जेनएआई का महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रभाव होगा, और 63 प्रतिशत इसका प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।

ईवाई-सीआईआई की रिपोर्ट ‘द एआईडिया ऑफ इंडिया: आउटलुक 2026’ 20 से अधिक उद्योगों में फैले 200 भारतीय संगठनों के सर्वेक्षण पर आधारित है। इनमें सरकारी निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्टार्टअप, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) और बहुराष्ट्रीय निगमों की भारतीय शाखाएं शामिल हैं।

एआई और मशीन लर्निंग को लेकर बढ़ते आशावाद के बावजूद इन पर खर्च अपेक्षाकृत सीमित बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 95 प्रतिशत से ज्यादा संगठन अपने आईटी बजट का 20 प्रतिशत से भी कम एआई पर खर्च करते हैं। इससे पता चलता है कि एआई की क्षमता में अत्यधिक भरोसे के बावजूद ज्यादातर कंपनियां इस पर निवेश करने में सावधानी बरत रही हैं।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय


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