घर खरीदारों के निकाय ने प. बंगाल में रेरा के लागू नहीं होने पर जताई चिंता |

घर खरीदारों के निकाय ने प. बंगाल में रेरा के लागू नहीं होने पर जताई चिंता

घर खरीदारों के निकाय ने प. बंगाल में रेरा के लागू नहीं होने पर जताई चिंता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : July 3, 2022/1:38 pm IST

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) घर खरीदारों के शीर्ष निकाय फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिक एफर्ट्स (एफपीसीई) ने पश्चिम बंगाल में रियल एस्टेट कानून रेरा को अबतक लागू नहीं किए जाने पर चिंता जताई है। बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी का शिकार होने पर घर खरीदार रेरा के पास अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। एफपीसीई का कहना है कि प. बंगाल में घर खरीदारों के पास अपनी शिकायत के लिए कोई नियामकीय प्राधिकरण नहीं है।

पिछले साल मई में उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल आवास उद्योग नियामकीय कानून (डब्ल्यूबीएचआईआरए) को रद्द करते हुए इसे ‘असंवैधानिक’ करार दिया था। प. बंगाल ने रेरा के स्थान पर यह कानून बनाया था।

रेरा कानून संसद में 2016 में पारित हुआ था।

एफपीसीई की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने डब्ल्यूबीएचआईआरए को रद्द किया था।

एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा डब्ल्यूबीएचआईआरए, 2017 को रद्द किए जाने के बाद रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून-2016 (रेरा) को लागू करने का रास्ता खुल गया है।

न्यायालय के आदेश के बाद प. बंगाल सरकार ने रेरा के क्रियान्वयन की कवायद शुरू की थी। पिछले साल जुलाई और अगस्त में राज्य सरकार ने रेरा के तहत रियल एस्टेट नियम अधिसूचित किए थे। इसमें रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण और रियल एस्टेट अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना भी शामिल है।

उपाध्याय ने कहा कि अभी तक राज्य नियामकीय प्राधिकरण या अपीलीय न्यायाधिकरण के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में राज्य में रेरा अबतक लागू नहीं हो पाया है।

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूबीएचआईआरए को असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है। ऐसे में राज्य में काफी अजीब की स्थिति है। रेरा अभी तक लागू नहीं हुआ है। हालांकि, तब से एक साल बीत चुके हैं।

उपाध्याय ने बताया कि ऐसे में डब्ल्यूबीएचआईआरए के पास शिकायत दर्ज करने वाले घर खरीदार असमंजस में हैं। ‘‘उन्हें यह भी नहीं पता कि रेरा के क्रियान्वयन के बाद डब्ल्यूबीएचआईआरए के पास दर्ज उनकी शिकायत की सुनवाई होगी या उन्हें नए सिरे से इस पूरी प्रक्रिया को दोहराना होगा।’’

उन्होंने बताया कि कई मामलों में घर खरीदारों को रिफंड या वसूली का प्रमाणपत्र जारी किया गया किया, लेकिन डब्ल्यूबीएचआईआरए को रद्द किए जाने के बाद उपभोक्ताओं को उनका पैसा वापस नहीं मिल पाया है।

भाषा अजय अजय पाण्डेय

पाण्डेय

 

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