(मनोज राममोहन)
जिनेवा, सात दिसंबर (भाषा) हवाई अड्डों पर संपर्क रहित बायोमेट्रिक प्रक्रियाओं के लिए मानक तैयार करने पर काम कर रहा हवाई परिवहन क्षेत्र का अंतरराष्ट्रीय संगठन ‘इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए)’ हाल में ‘डिजियात्रा’ शुरू करने वाले भारत के साथ-साथ अन्य देशों के अनुभवों से सीख ले रहा है।
आईएटीए ने टिकाऊ विमान ईंधन (एसएएफ) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिश्रण को अनिवार्य बनाने के बजाय प्रोत्साहन देने की जरूरत पर भी जोर दिया है।
संगठन की ग्राहक अनुभव एवं सुविधा सेवा प्रमुख लुईस कोले ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘बेंगलुरु हवाईअड्डे पर संपर्क-रहित बायोमीट्रिक सक्षम प्रक्रियाओं के लिए एक ही आईडी काम कर रही है। भारत में जो हो रहा है उसे लेकर मैं बहुत उत्साहित हूं क्योंकि यह उन मानकों के अनुरूप हैं जो हम विकसित कर रहे हैं या विकसित कर चुके हैं। यह बहुत ही सकारात्मक तथा उत्साहित करने वाला है।’’
कोले ने कहा, ‘‘हम एकल मानक लाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत उन स्थानों में से एक है जिनसे हम सीख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि समूह मानक तैयार करने के लिए विशेषकर बेंगलुरु हवाई अड्डे की वृद्धि और डिजियात्रा के क्रियान्वयन के अनुभव से सीख ले रहा है।’’
भारत सरकार ने चेहरे की पहचान पर आधारित संपर्क रहित प्रणाली ‘डिजियात्रा’ की शुरुआत देश के दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी हवाई अड्डे पर एक दिसंबर से की है।
दुनिया भर की 300 से अधिक एयरलाइंस के संगठन आईएटीए ने टिकाऊ विमान ईंधन (एसएएफ) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिश्रण को अनिवार्य बनाने के बजाय प्रोत्साहन देने की जरूरत पर भी जोर दिया है। इस प्रकार के ईंधन की मदद से एयरलाइन उद्योग में ईंधन के दामों में उतार-चढ़ाव को कम करने में मदद मिलेगी।
अनुमानों के मुताबिक 2021 में करीब दस करोड़ लीटर एसएएफ का उत्पादन हुआ था जिसे 2030 तक बढ़ाकर 30 अरब लीटर करने की जरूरत है। आईएटीए ने कहा, ‘‘2022 से 2025 के बीच नवीकरणीय ईंधन क्षमता 400 फीसदी से अधिक बढ़ जाएगी।’’
भारत सरकार कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों के तहत विमान ईंधन में एसएएफ के मिश्रण को अनिवार्य बनाने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि आईएटीए के निदेशक (ऊर्जा परिवर्तन पर्यावरण एवं टिकाऊपन) हेमंत मिस्त्री ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मिश्रण को अनिवार्य बनाना एसएएफ के उत्पादन को बढ़ाने में शायद मददगार न हो।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप आदेश देंगे तो चुनिंदा आपूर्तिकर्ताओं को ही समर्थन दे पाएंगे। इससे समस्या का समाधान नहीं निकलेगा। इस स्तर पर एसएएफ के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आदेश मददगार नहीं होगा क्योंकि इसके लिए प्रोत्साहन देने की जरूरत है।’’
भाषा मानसी प्रेम
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