आईजीएल, एसडीएमसी ने कचरे-से-ऊर्जा संयंत्र के लिए हाथ मिलाया

आईजीएल, एसडीएमसी ने कचरे-से-ऊर्जा संयंत्र के लिए हाथ मिलाया

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  • Publish Date - September 27, 2021 / 09:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) इंद्रप्रस्थ गैस लि. (आईजीएल) ने दिल्ली में कचरे-से-ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संयंत्र में नगर निगम के ठोस कचरे को कंप्रेस्ड बायो-गैस (सीबीजी) में बदला जाएगा जिसका इस्तेमाल वाहन ईंधन के रूप में होगा।

सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह करार सस्ते परिवहन की ओर सतत विकल्प (एसएटीएटी) पहल के तहत किया गया है। इस योजना के तहत 1.5 करोड़ टन के उत्पादन लक्ष्य के लिए 2023-24 तक 5,000 सीबीजी संयंत्र लगाने का लक्ष्य है।

इस कदम से जहां एक ओर कचरे में कमी लाई जा सकेगी वहीं दूसरी ओर स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

बयान में कहा गया है कि एमओयू के तहत एसडीएमसी पश्चिम क्षेत्र के हस्तसाल में आईजीएल को एक चिन्हित स्थल उपलब्ध कराएगी जहां बायोगैस संयंत्र और सीबीजी स्टेशन लगाया जाएगा। निगम द्वारा सीबीजी संयंत्र के परिचालन के लिए आईजीएल को प्रतिदिन 100 टन छांटा हुआ स्वाभाविक रूप से सड़ जाने वाला कचरा उपलब्ध कराया जाागा।

बयान में कहा गया है कि इससे हासिल सीबीजी उत्पादन वाहनों के लिए सीएनजी की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। ऐसे में आम जनता की जरूरत को पूरा करने के लिए एकीकृत सीबीजी स्टेशन स्थापित किया जाएगा।

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

इस मौके पर पुरी ने कहा कि ठोस कचरा देश के लिए एक बड़ी समस्या है और इसका हल जल्द करने की जरूरत है।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर