नयी दिल्ली, पांच फरवरी (भाषा) कृत्रिम मेधा (एआई) क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ओपनएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सैम आल्टमैन ने बुधवार को भारत को एआई उद्योग का संभावित अगुवा बताते हुए कहा कि यह नयी प्रौद्योगिकी और उनकी कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है।
भारत यात्रा पर पहुंचे आल्टमैन ने यहां सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि भारत कंपनी के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और पिछले साल ओपनएआई के भारतीय उपयोगकर्ताओं की संख्या तीन गुना हो गई है।
ओपनएआई दुनियाभर में लोकप्रिय एआई टूल चैटजीपीटी की विनिर्माता है।
आल्टमैन ने भारत के अपने संक्षिप्त दौरे में पेटीएम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा, स्नैपडील के सह-संस्थापक कुणाल बहल, अनएकेडमी के सीईओ गौरव मुंजाल, इक्सिगो ग्रुप के सीईओ आलोक बाजपेयी, फिल्म निर्माता शेखर कपूर, निवेश फर्म पीक एक्सवी के प्रबंध निदेशक राजन आनंदन और प्रमुख उद्यम पूंजी फर्म एक्सेल के भागीदार प्रयांक स्वरूप सहित कई दिग्गजों से मुलाकात की।
आल्टमैन की यह दो साल के भीतर दूसरी भारत यात्रा है। इस बार भारत को लेकर उनका रुख बदला नजर आ रहा है। जून, 2023 की अपनी यात्रा में उन्होंने चैटजीपीटी के समान एक आधारभूत मॉडल विकसित करने की भारत की क्षमता को ‘पूरी तरह से निराशाजनक’ बताया था।
आल्टमैन की यह यात्रा वित्त मंत्रालय द्वारा अपने अधिकारियों को कार्यालय के कंप्यूटरों और उपकरणों में चैटजीपीटी एवं डीपसीक जैसे एआई टूल का इस्तेमाल न करने का निर्देश देने के कुछ दिनों बाद हुई है। मंत्रालय ने कहा है कि ये एआई टूल डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।
कम लागत वाले आधारभूत मॉडल के विकास पर आल्टमैन ने कहा, ‘‘मुझे अब भी लगता है कि पूर्व-प्रशिक्षण मॉडल के मोर्चे पर बने रहना महंगा है। अब हम ऐसी दुनिया में हैं जहां हमने अविश्वसनीय प्रगति की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खासकर ये तर्कशक्ति मॉडल सस्ते नहीं हैं। उन्हें प्रशिक्षित करना अब भी महंगा है, लेकिन यह संभव है। मुझे लगता है कि इससे वास्तव में व्यापक रचनात्मकता का उदय होगा और भारत को इसमें अग्रणी होना चाहिए।’’
ओपनएआई के संस्थापक ने कहा कि भारत सामान्य रूप से एआई क्षेत्र, खासकर ओपनएआई के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बाजार है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। पिछले साल यहां हमारे उपयोगकर्ता तीन गुना हो गए। भारत में लोग एआई के साथ स्टैक, चिप्स, मॉडल जैसी चीजें बना रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत को एआई क्रांति के अगुवा देशों में से एक होना चाहिए।’’
चीन की कंपनी डीपसीक के किफायती एआई मंच के सामने आने के बाद एआई उद्योग में मूल्य निर्धारण को शुरू हुई बहस पर आल्टमैन ने कहा कि एआई प्रौद्योगिकी के विकास में बुद्धिमत्ता इकाई की लागत एक वर्ष के बाद लगभग 10 गुना कम हो जाएगी।
आल्टमैन ने कहा कि एआई में मॉडल विकसित करने की लागत अब भी सस्ती नहीं है, लेकिन ऐसे एआई की दिशा में बहुत प्रगति हुई है जिसके लिए कम हार्डवेयर की जरूरत होगी और बाकी का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
ओपनएआई ने अपने मूलभूत एआई मॉडल के विकास में अरबों डॉलर का निवेश किया है और चैटजीपीटी के अनुप्रयोगों का भारत में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है।
ओपनएआई ने एक नई कंपनी ‘द स्टारगेट प्रोजेक्ट’ की स्थापना की है। उसकी अमेरिका में ओपनएआई के लिए नए एआई बुनियादी ढांचे के निर्माण पर अगले चार साल में 500 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)