जनांकिकीय लाभांश का फायदा उठाकर भारत 11 फीसदी की दर से कर सकता है वृद्धिः पात्रा

जनांकिकीय लाभांश का फायदा उठाकर भारत 11 फीसदी की दर से कर सकता है वृद्धिः पात्रा

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  • Publish Date - August 13, 2022 / 07:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने शनिवार को कहा कि भारत यदि अपने जनांकिकीय लाभांश का फायदा उठाता है और विनिर्माण के साथ निर्यात को भी बढ़ावा देता है तो वह समय को अपने पक्ष में कर अगले दशक में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकता है।

पात्रा ने भुवनेश्वर में आरबीआई द्वारा आयोजित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जनांकिकीय लाभांश, विनिर्माण बढ़ाने की क्षमता, निर्यात मूल्य को बढ़ाने और समावेशन के संदर्भ में भारत के लिए अनेक अवसर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि यदि भारत इन अवसरों का लाभ उठाता है और चुनौतियों से पार पा लेता है तो भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि भारत समय को अपने पक्ष में कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘फिर यह कल्पना भी की जा सकती है कि भारत 11 फीसदी की वृद्धि दर के साथ अगले दशक में प्रवेश करेगा।’

पात्रा ने कहा कि ऐसा होने पर भारत को दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए वर्ष 2048 तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, यह वर्ष 2031 तक ही सच हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि 1.38 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का सबसे युवा देश है जिसकी औसत आयु 28.4 वर्ष है। अगले साल तक भारत 1.43 अरब की जनसंख्या के साथ दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा।

पात्रा ने कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या (डब्ल्यूएपी) के संदर्भ में तुलना अनुपात का जिक्र करते हुए कहा कि चीन, ब्राजील, अमेरिका और जापान जैसे देशों की तुलना में भारत लाभ की स्थिति में है क्योंकि इन देशों में कामकाजी आयु वाली जनसंख्या कम होने लगी है। भारत का डब्ल्यूएपी अनुपात 2045 तक बढ़ेगा और 2030 तक चीन के अनुपात को भी पार कर जाएगा।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘‘इस जनांकिकीय लाभांश का भरपूर लाभ उठाना भारत के लिए अवसर होने के साथ-साथ एक चुनौती भी है।’’ उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए विनिर्माण में वृद्धि आवश्यक है।

भाषा मानसी प्रेम

प्रेम