नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) भारत नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने में सक्षम है, लेकिन फिलहाल वैश्विक हालात को देखते हुए देश को 6.5-7 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि से संतुष्ट होना चाहिए।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने यह बात कही।
उन्होंने ‘टाइम्स नाउ समिट 2022’ में कहा कि भारत ”निवेश और निर्यात आधारित वृद्धि मॉडल” का अनुसरण कर रहा है और उथल-पुथल वाले वैश्विक दौर में आरबीआई और सरकार ने एक संयमित व्यापक आर्थिक नजरिये का पालन किया है, जो एक सही कदम है।
सान्याल ने कहा, ”यह बेहद उथल-पुथल वाला समय है और हम पहले ही सात प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर रहे हैं। इस तरह हमने जो व्यवस्था बनायी है, उसकी मदद से एक सामान्य वक्त में हम नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने में सक्षम है।”
फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था आपूर्ति श्रृंखला के संकट का सामना कर रही है।
वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक मौद्रिक सख्ती के बावजूद भारत आने वाले वर्षों में व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ मध्यम से तेज गति से बढ़ने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो रहा है।
सान्याल ने कहा, ”चीन में फॉक्सकॉन कारखाने में पैदा हुई समस्या के बाद एप्पल की एकमात्र उत्पादन क्षमता भारत में है। हमारे लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश करने का मौका है और हम पहले ही ऐसा कर रहे हैं।”
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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