शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है भारत : कांत |

शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है भारत : कांत

शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है भारत : कांत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : October 22, 2021/4:45 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और सार्वजनिक क्षेत्र के चीजों को सुगम बनाने के साथ भारत शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है।

‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ (पीएएफआई) के डिजिटल तरीके से आयोजित सम्मेलन में कांत ने यह भी कहा कि भारत को शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार करने की जरूरत है और प्रौद्योगिकी इस इस संदर्भ में देश को आगे ले जाने में मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और सार्वजनिक क्षेत्र के चीजों को सुगम बनाने के साथ भारत शिक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है।’’

कांत ने कहा कि सस्ती इंटरनेट सुविधा और प्रौद्योगिकी आधारित अवसंरचना ही देश में शिक्षा क्षेत्र को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका है।

उन्होंने कहा, ‘‘केवल भौतिक अवसंरचना पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा।’’

नीति आयोग के सीईओ के अनुसार, भारतीय शिक्षा प्रौद्योगिकी परिवेश में विकास की काफी संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि देश प्रगति करेगा, छात्र सीखेंगे, और शिक्षा के परिणामों में सुधार होगा।’’ व्यापक शिक्षा प्रौद्योगिकी ढांचा खासकर वंचित समूह के बीच शिक्षा की बेहतर पहुंच में मददगार होगा।’’

इसी कार्यक्रम में बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कहा कि शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) के माध्यम से, छात्रों के लिए सीखने का अवसर है। इतना ही नहीं, भारत शिक्षकों के लिए एक वैश्विक प्रतिभा केंद्र भी बन सकता है।

भाषा कृष्ण

कृष्ण रमण

रमण

 

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