मुंबई, 14 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत और सिंगापुर अपनी तेज भुगतान प्रणालियों क्रमश: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और पेनाऊ को आपस में जोड़ेंगे ताकि उपयोगकर्ता पारस्परिक आधार पर तत्काल एवं कम लागत के साथ पैसों का हस्तांतरण कर सकें।
रिजर्व बैंक और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) ने तेज भुगतान प्रणालियों को जोड़ने के लिए परियोजना की घोषणा की है।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि जुलाई 2022 तक इसे चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
उसने कहा, ‘यूपीआई-पेनाऊ को जोड़ने से दोनों तेज भुगतान प्रणालियों में से प्रत्येक के उपयोगकर्ताओं को दूसरी भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल किए बिना पारस्परिक आधार पर तत्काल, कम लागत के साथ पैसों का हस्तातंरण करने की सुविधा मिलेगी।’
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह परियोजना भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में एक अहम पड़ाव है, और यह जी-20 (विकासशील देशों का संगठन) की ज्यादा तेज, सस्ती और अधिक पारदर्शी सीमा पार भुगतानों को बढ़ावा देने संबंधी वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के साथ करीब से जुड़ा हुआ है।
भाषा
प्रणव शाहिद
शाहिद
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बोइंग को 35.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान
7 hours agoकोटक बैंक की प्रवर्तक फर्म ने भाजपा को 60 करोड़…
7 hours ago