मुंबई 27 अक्टूबर (भाषा) भारत कार्बन उत्सर्जन को घटाने के लिए वर्ष 2030 तक 316 अरब डॉलर (करीब 23 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगा। कुल निवेश रकम की ज्यादातर राशि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर खर्च की जायेगी। ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने बुधवार को यह बात कही।
बोफा सिक्योरिटीज ने कहा कि यह निवेश पहले से अनुमानित छह लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगा, जिसे भारत 2015 में पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने के बाद से खर्च कर चुका है।
जलवायु परिवर्तन पर ग्लासगो शिखर सम्मेलन से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए कंपनी के अनुसंधान प्रमुख अमिश शाह ने कहा कि भारत कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले सबसे सक्रिय देशों में से एक रहा है।
उन्होंने कहा कि कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की समयसीमा की फिलहाल घोषणा न करके भारत ने सही किया है। दुनिया की अन्य सभी प्रमुख देशों ने भी यही किया है।
एक अनुमान के अनुसार कार्बन उत्सर्जन घटाने के प्रयासों से भारत को वर्ष 2015 से 2030 के बीच 106,000 मेगावॉट से अधिक ऊर्जा बचाने में मदद मिलेगी और 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 1.1 अरब टन की कटौती होगी।
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