नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत अगले 3-5 वर्षों में अपना उच्च-तकनीक वाला कंप्यूटिंग चिपसेट या जीपीयू विकसित कर सकता है। उन्होंने साथ ही बताया कि स्थानीय आधारभूत एआई मंच 10 माह में आ सकता है।
वैष्णव ने ‘इंडिया टुडे’ और ‘बिजनेस टुडे’ के ‘बजट गोलमेज 2025’ में कहा कि सरकार अगले कुछ दिन में देश में एआई विकास के लिए संस्थाओं को 18,000 उच्च-तकनीक वाले जीपीयू आधारित कंप्यूट सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि 10 महीने के भीतर भारत का अपना एआई मंच होगा।
वैष्णव ने कहा, ‘‘हम कई, वास्तव में तीन विकल्पों पर काम कर रहे हैं, जहां हम एक चिपसेट लेते हैं, जो किसी उचित स्तर पर ओपन सोर्स में उपलब्ध है या लाइसेंस प्राप्त चीज के रूप में उपलब्ध है, और फिर उसपर अपना जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) बनाने के लिए काम करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने यही तरीका अपनाया और इसकी मदद से हम तीन से पांच वर्षों में अपना जीपीयू बना सकेंगे।
जीपीयू का इस्तेमाल पहले गेमिंग और वीडियो जैसी मल्टीमीडिया सामग्री को प्रोसेस करने के लिए किया जाता था, लेकिन एआई के आने के बाद दुनियाभर में जीपीयू की मांग आसमान छू गई है। अमेरिकी चिप कंपनी एनवीडिया 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ बाजार पर हावी है।
भाषा पाण्डेय अजय
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)