नई दिल्ली, सात अगस्त । भारतीय रेल ने उत्तर रेलवे के 89 किलोमीटर लंबे सोनीपत-जींद मार्ग पर डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) पर रेट्रोफिटिंग करके हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बोलियां आमंत्रित की हैं। शुक्रवार को रेल मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। इसके जरिये भारतीय रेल यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि क्या मौजूदा डीजल से चलने वाली ट्रेनों को हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने के लिए रेट्रोफिट किया जा सकता है।
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बयान में कहा गया, ‘डीजल से चलने वाले डेमू की रेट्रोफिटिंग और इसे हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले ट्रेन सेट में बदलने से न केवल सालाना 2.3 करोड़ रुपये की बचत होगी, बल्कि प्रतिवर्ष 11.12 किलो टन के कार्बन उत्सर्जन (नाइट्रिक ऑक्साइड) को कम किया जा सकेगा।
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बयान के अनुसार इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के बाद विद्युतीकरण के जरिये डीजल ईंधन से चलने वाले सभी रोलिंग स्टॉक को हाइड्रोजन ईंधन से चलाने की योजना बनायी जा सकती है। निविदा दाखिल करने की समयसीमा 21 सितंबर, 2021 से पांच अक्तूबर, 2021 तय की गयी है।