नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) कृषि वैज्ञानिकों ने अनार की जीनोम संरचना निर्धारित करने का काम पूरा कर लिया है। इससे इस पौष्टिक फल की उपज बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधीन गठित राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र (एनआरसीपी) के वैज्ञानिकों के एक दल ने अनार की जीनोम संरचना तैयार कर लिया है। महाराष्ट्र के सोलापुर में एनआरसीपी का गठन जून, 2005 में किया गया था।
आईसीएआर-एनआरसीपी ने एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘भारत में जीनोम अनुसंधान और बागवानी विज्ञान के लिए यह एक अग्रणी घटना है। वैज्ञानिकों के एक समूह ने अनार की जीनोम संरचना निर्धारित कर ली है।’
भारत में पहली बार किसी कृषि शोध टीम ने अनार के डीएनए में शामिल सभी घटकों की पुख्ता पहचान की है। इन्हीं घटकों से अनार की मिठास, रंग और नरमी का निर्धारण होता है। यह शोध कार्य छह साल में पूरा हुआ।
इस शोध टीम ने जीनोम संरचना के लिए भारतीय अनार की ‘भगवा’ किस्म का इस्तेमाल किया है। इस शोध टीम में डॉ एन वी सिंह, डॉ पी रूपा सौजन्या, डॉ शिल्पा परशुराम, डॉ पी जी पाटिल और डॉ आर ए मराठे शामिल थे।
भाषा प्रेम
प्रेम रमण
रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)