भारत की आर्थिक बुनियाद बाहरी झटके झेलने के बावजूद मजबूत हुई: आशिमा गोयल

भारत की आर्थिक बुनियाद बाहरी झटके झेलने के बावजूद मजबूत हुई: आशिमा गोयल

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  • Publish Date - January 15, 2024 / 02:36 PM IST,
    Updated On - January 15, 2024 / 02:36 PM IST

(बिजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने सोमवार को कहा कि 2020 के बाद से गंभीर बाहरी झटकों का सामना करने के बावजूद भारत की वृहद-बुनियाद मजबूत बनी हुई है।

गोयल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि देश की आर्थिक विविधता, पर्याप्त भंडार और व्यवहार्य सुधारों ने नीतियों को मुद्रास्फीति से निपटने में सक्षम बनाया है।

अधिक से अधिक कंपनियों तथा उपभोक्ताओं के मुद्रास्फीति कम करने के लक्ष्य से आगे बढ़ने से अर्थव्यवस्था के इस साल केंद्रीय बैंक के चार प्रतिशत के चार प्रतिशत के लक्ष्य पर पहुंचने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘ 2020 के बाद से गंभीर बाहरी झटके (रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध, तेल की कीमतें, हुती हमले) आए हैं। इनके बावजूद इस अवधि में भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत हुई हैं।’’

अर्थशास्त्री ने कहा कि इन कारकों के कारण रुपया अपेक्षाकृत स्थिर रहा है।

गोयल ने कहा, ‘‘ आर्थिक विविधता, पर्याप्त भंडार और व्यवहार्य सुधारों ने नीतियों को मुद्रास्फीति से निपटने में सक्षम बनाया है। हमारे पास महंगाई से निपटने की नीति को लागू करने और बाहरी झटकों को कम करने की क्षमता है।’’

भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत होने का अनुमान है।

ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों, दालों तथा मसालों की कीमतों में वृद्धि के कारण दिसंबर, 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीनों में सबसे तेज गति से बढ़कर 5.69 प्रतिशत हो गई।

सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य सौंपा है।

भाषा निहारिका अजय

अजय