ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता की चमक फीकी न पड़ेः सीतारमण |

ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता की चमक फीकी न पड़ेः सीतारमण

ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता की चमक फीकी न पड़ेः सीतारमण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : October 1, 2022/6:11 pm IST

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि कर्ज के बोझ तले दबी कंपनियों के लिए लाए गए ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) की चमक फीकी नहीं पड़नी चाहिए।

कर्ज समाधान प्रक्रिया के नियामक संस्थान भारतीय ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) के छठें वार्षिक दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने आईबीसी कानून के बीते छह वर्ष और आगे की राह के बारे में बात की। यह कानून वर्ष 2016 में लागू किया गया था।

सीतारमण ने कहा, ‘‘हम इस राह में उभरने वाले तनाव के संकेतों को नजरंदाज नहीं कर सकते हैं।’’ आईबीसी कानून के ही तहत आईबीबीआई का गठन किया गया था।

इस मौके पर वित्त मंत्री ने मौजूदा आर्थिक हालात का जिक्र करते हुए कहा कि देश आर्थिक गतिविधियों में मजबूती के दौर में हैं। उन्होंने मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने के मुद्दे पर कहा कि अब भी यह स्तर संभाले जाने लायक है।

इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रामलिंगम सुधाकर और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता भी मौजूद थे।

आईबीबीआई के मुताबिक इस वर्ष जून तक 1,934 कॉरपोरेट देनदारों को आईबीसी कानून के तहत राहत मुहैया कराई गई है।

भाषा

मानसी प्रेम

प्रेम

 

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