दिवाला संहिता से कर्जदाताओं, कर्जदारों के नजरिए में बदलाव आया है: गोयल |

दिवाला संहिता से कर्जदाताओं, कर्जदारों के नजरिए में बदलाव आया है: गोयल

दिवाला संहिता से कर्जदाताओं, कर्जदारों के नजरिए में बदलाव आया है: गोयल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : November 25, 2021/7:14 pm IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) से कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के अलावा कर्जदाताओं तथा कर्जदारों दोनों के नजरिए में बदलाव आया है।

गोयल ने कहा कि आईबीसी अतीत की तुलना में एक क्रांतिकारी सुधार है, जब फंसे कर्ज से जुड़े मामले के समाधान में शायद दशकों लगते थे।

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां तार्किक रूप से हम कभी-कभार देरी के साथ एक निर्धारित समय सीमा के भीतर समाधान की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन समाधान हो रहा है। यह एक वास्तविकता है।’

गोयल ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स ऑफ आईसीएआई (आईआईआईपीआई) के पांचवें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, ‘हम आईबीसी और आपके प्रयासों के कारण कर्जदाता और कर्जदारों दोनों के नजरिए में बदलाव लाने में सफल रहे हैं। इससे हमें यह विश्वास मिला है कि पैसा वसूल किया जा सकता है।’

मंत्री ने साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि आगे भारत की विश्वसनीयता और उसके वित्तीय ढांचे के लिए जो अच्छा है, उसके संदर्भ में महत्वपूर्ण सकारात्मक कार्रवाई होगी।

भाषा प्रणव रमण

रमण

 

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