नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) भारतीय बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश अक्टूबर में बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पी-नोट्स के जरिये निवेश का 14 माह का उच्चस्तर है। वैश्विक स्तर पर तरलता की स्थिति अच्छी होने तथा घरेलू मोर्चे पर सरकार द्वारा किए गए उपायों से पी-नोट्स के जरिये निवेश बढ़ा है।
पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो पंजीकरण कराए बिना भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें पूरी जांच-पड़ताल की प्रक्रिया से गुजरना होता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, पी-नोट्स के जरिये भारतीय बाजारों…इक्विटी, बांड और हाइब्रिड सिक्योरिटीज में निवेश अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सितंबर के अंत तक यह 69,821 करोड़ रुपये था। अगस्त, 2019 के बाद पी-नोट्स के जरिये निवेश का यह सबसे ऊंचा स्तर है। उस समय पी-नोट्स के जरिये निवेश का आंकड़ा 79,088 करोड़ रुपये रहा था।
सितंबर, 2020 में इस मार्ग से निवेश घटा था। हालांकि, मार्च से यह लगातार बढ़ रहा था। अगस्त के अंत तक पी-नोट्स के जरिये निवेश 74,027 करोड़ रुपये रहा था। जुलाई में यह 63,228 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये रहा था।
भाषा अजय अजय मनोहर
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