पार्टिसिपेटरी नोट के जरिए निवेश अक्टूबर में 43 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा |

पार्टिसिपेटरी नोट के जरिए निवेश अक्टूबर में 43 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

पार्टिसिपेटरी नोट के जरिए निवेश अक्टूबर में 43 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : November 25, 2021/4:44 pm IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) पार्टिसिपेटरी नोट (पी-नोट) के जरिये भारतीय बाजार में निवेश अक्टूबर के अंत तक बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 43 महीनों का उच्चतम स्तर है।

पी-नोट पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो सीधे खुद को पंजीकृत किए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हालांकि, उन्हें एक उचित प्रक्रिया से गुजरना होता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के अंत तक भारतीय बाजारों में पी-नोट निवेश का मूल्य (इक्विटी, डेट और हाइब्रिड सिक्योरिटी) ​​1,02,553 करोड़ रुपये था।

यह मार्च 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। तब पी-नोट के जरिए 1,06,403 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।

सेबी में पंजीकृत पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (पीएमएस) कंपनी पाइपर सेरिका के संस्थापक और कोष प्रबंधक अभय अग्रवाल ने कहा कि अक्टूबर में पी नोट के माध्यम से कुल निवेश 5,000 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 1.02 लाख करोड़ रुपये के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया।

उन्होंने कहा, ‘इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि इक्विटी का मूल्य लगभग 7,000 करोड़ रुपये बढ़ गया, जबकि बांड में निवेश मूल्य 2,000 करोड़ रुपये गिर गया। एफपीआई के रुख में यह बदलाव आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि उन्हें लग रहा है कि लंबी अवधि की ब्याज दरें नीचे आ गयी हैं। और मुद्रास्फीति के दबाव में रिजर्व बैंक 2022 में दरों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होगा।’

भाषा प्रणव रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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