नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला से मुलाकात की और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से जम्मू-कश्मीर के लिए एक एकीकृत अरोमा डेयरी उद्यमिता का प्रस्ताव रखा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पशुपालन के साथ-साथ डेयरी संसाधनों का प्रचुर भंडार है और सुझाव दिया कि इसे अरोमा मिशन के साथ प्रभावी ढंग से एकीकृत किया जा सकता है, जिसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा इस केंद्र शासित प्रदेश में पहले ही शुरु किया जा चुका है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सिंह के हवाले से एक बयान में कहा कि यह एकीकृत अरोमा डेयरी उद्यमिता का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो टिकाऊ विकास, किसानों के लिए उनकी आय में वृद्धि और आजीविका के नए रास्ते खोलना सुनिश्चित करेगा।
सिंह ने कहा कि अरोमा मिशन – जिसे लोकप्रिय रूप से ‘लैवेंडर या बैंगनी क्रांति’ के रूप में भी जाना जाता है – जम्मू-कश्मीर से शुरू हुआ है और उन किसानों के जीवन में बदलाव लाया है जो लैवेंडर उगाने, आकर्षक लाभ कमाने और अपने जीवन को बेहतर बनाने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-आईआईआईएम के प्रयास प्रशंसनीय हैं क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के डोडा, किश्तवाड़ और राजौरी जिलों में यूरोप की मूल फसल को पेश किया है।
अरोमा मिशन, सीएसआईआर द्वारा किसानों की आजीविका में सुधार लाने के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, शुरू किया गया था।
भाषा राजेश
राजेश महाबीर
महाबीर
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