नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उद्योगों के लिए आने वाले वर्षों में ज्ञान, नवाचार और स्थिरता महत्वपूर्ण शब्द होने जा रहे हैं और अनुसंधान में निवेश करने वाली कंपनियां अग्रणी होंगी।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि उद्योग अगले 25 वर्षों में ज्ञान, नवाचार और स्थिरता से संचालित होने जा रहा है।
उन्होंने यहां एक समारोह में कहा, ‘‘केवल वही कंपनी अग्रणी बनेगी, जो अनुसंधान और नवाचार में निवेश करेगी।’’
जैन ने उद्योग के लिए आने वाले वर्षों में चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिमी दुनिया एक अलग तरह की गैर-शुल्क बाधाओं की ओर बढ़ने जा रही है।
उन्होंने कहा कि पहले लोग श्रम कानूनों, बाल श्रम और स्थिरता के बारे में बात करते थे, लेकिन ‘‘अब लोग मानवाधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं और वे इसे व्यवसाय से जोड़ने जा रहे हैं। इसलिए हमें भी उस पर नजर रखने के लिए तैयार रहना होगा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
इस बारे में उन्होंने कहा, ‘‘तो हमारे वित्त मंत्रालय और देश के अर्थशास्त्रियों का क्या कहना है… उन्होंने इन 25 वर्षों में भारत की वृद्धि के तीन परिदृश्य बताए हैं – सबसे निराशावादी, सबसे आशावादी और सबसे यथार्थवादी।’’
जैन ने कहा, ‘‘सबसे यथार्थवादी परिदृश्य कहता है कि आज हम 3,200 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं, और (2047 तक) हम 32,800 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था होंगे। इन 25 वर्षों में 10 गुना।’’
उन्होंने कहा कि अब सरकार, उद्योग और देश के नागरिकों यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना है कि सबसे यथार्थवादी परिदृश्य वास्तव में साकार हो।
भाषा पाण्डेय अजय
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