नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि उनका मंत्रालय बढ़ते इस्पात आयात पर अंकुश लगाने के लिए नीतिगत उपायों पर विचार-विमर्श कर रहा है। इसमें न्यूनतम आयात मूल्य लागू करना और घरेलू उद्योग को संरक्षण देना शामिल है।
इस्पात मंत्री ने स्वीकार किया कि इस्पात के आयात से निपटना ‘‘मुख्य मुद्दा’’ है और कहा कि घरेलू मिश्र धातु उद्योग को मजबूत करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
इस्पात पर न्यूनतम आयात मूल्य की उम्मीद करने के सवाल पर मंत्री ने कहा, ‘‘ निश्चित रूप से, हम वित्त मंत्रालय को मना लेंगे। प्रारंभिक चर्चा पहले से ही जारी है। मुझे विश्वास है कि हम मना लेंगे। (उद्योग को) मजबूत करने के लिए हमें शुल्कों को कैसे लागू करना है, यह (निर्णय) हम लेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड में जान फूंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसे अपने विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ विभिन्न दलों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘ आरआईएनएल के समक्ष चुनौतियां हैं। पिछले डेढ़ साल से आरआईएनएल में विरोध प्रदर्शन जारी है, लेकिन मैं आरआईएनएल को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा हूं। मैं इसे निराश नहीं करूंगा।’’
इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम से इतर ये टिप्पणियां की।
भाषा निहारिका
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