नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने रविवार को कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति के कारण समान विचारधारा वाले देश भारत को एक प्रमुख सेमीकंडक्टर विनिर्माण गंतव्य बनाने के लिए उसके साथ सहयोग कर रहे हैं।
कृष्णन ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में कहा कि अमेरिकी स्टोरेज सेमीकंडक्टर निर्माता माइक्रोन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की प्रायोगिक सुविधाओं ने पहले ही चिप तैयार कर लिए हैं, और गुजरात में उनके मुख्य संयंत्र 2025 की दूसरी तिमाही से भारत में निर्मित चिप का उत्पादन शुरू कर देंगे।
कृष्णन ने कहा, “वैश्विक स्तर पर, और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण यह अहसास बढ़ रहा है कि सेमीकंडक्टर एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रणनीतिक वस्तु है, और इसलिए हमें सेमीकंडक्टर के उत्पादन में पर्याप्त मजबूती की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सेमीकंडक्टरों में मजबूती के महत्व को रेखांकित किया गया था, जब कई उद्योगों- वाहन उद्योग, चिकित्सा उपकरण उद्योग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उनके पास चिप तक पहुंच नहीं थी, जिसके कारण यह विश्वास पैदा हुआ कि विशेष रूप से सेमीकंडक्टरों की सोर्सिंग के लिए अधिक विविधीकरण होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “कई समान विचारधारा वाले देश भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि भारत को अगले प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित किया जा सके, जहां सेमीकंडक्टर विनिर्माण वास्तव में हो सकता है। यह मूल रूप से वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में मजबूती बनाने के लिए है। हमारा अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, जापान और अब सिंगापुर के साथ भी समझौता है।”
भाषा अनुराग पाण्डेय
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