एमएसएमई गुणवत्ता पर काम करे, वैश्विक मानकों पर खरा उतरें: प्रधानमंत्री मोदी

एमएसएमई गुणवत्ता पर काम करे, वैश्विक मानकों पर खरा उतरें: प्रधानमंत्री मोदी

  •  
  • Publish Date - February 27, 2024 / 09:18 PM IST,
    Updated On - February 27, 2024 / 09:18 PM IST

मदुरै (तमिलनाडु), 27 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के भविष्य को राष्ट्र के भविष्य के रूप में देखता है। उन्होंने इसको देखते हुए एमएसएमई से गुणवत्ता और टिकाऊपन पर काम करने और वैश्विक मानकों पर खरा उतरने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि केंद्र अपनी ओर से पूंजी से लेकर प्रतिभा तक विभिन्न मोर्चों पर उनके संसाधन को बेहतर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी पहल इस दिशा में एक बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

इसके अलावा, सरकार ने ‘मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी’ बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के माध्यम से देश में बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहन दिया है।

प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित सीआईआई-टीवीएस रोजगार और आजीविका पर ‘मोबिलिटी’ उत्कृष्टता केंद्र शुरू किये जाने के मौके पर कहा, ‘‘आज एमएसएमई के पास वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनने का एक बड़ा अवसर है। हालांकि, इसके लिए हमारे एमएसएमई को इसकी गुणवत्ता और टिकाऊपन पर काम करना होगा। हमें वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए काम करने की जरूरत है।’’

कार्यक्रम ‘भविष्य का निर्माण – ऑटोमोटिव एमएसएमई के लिए डिजिटल मोबिलिटी’ का उद्देश्य वाहन क्षेत्र से परे अपना समर्थन बढ़ाना है।

मोदी ने कहा, ‘‘मैंने एक बार लाल किले की प्राचीर से कहा था कि हमें यह स्वीकार करने की जरूरत है कि हमारा उत्पादन प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के संदर्भ में ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ होना चाहिए।’’

कार्यक्रम के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने भविष्य को आकार देने वाले शोध केंद्र में प्रवेश किया है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र में, विशेष रूप से वाहन उद्योग में, तमिलनाडु ने खुद को वैश्विक मंच पर साबित किया है। मुझे खुशी है कि आपने कार्यक्रम का नाम ‘भविष्य का निर्माण’ दिया है।’’

उन्होंने कहा कि वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए 26,000 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने विनिर्माण के अलावा हाइड्रोजन वाहनों को बढ़ावा दिया। इस योजना ने 100 से अधिक अत्याधुनिक वाहन प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन देने में मदद की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश में नई तकनीक आने से इससे जुड़ा वैश्विक निवेश भी आएगा। यह हमारे वाहन उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर होने वाला है।’’

उन्होंने कोविड के दौरान विशेष रूप से महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए इस क्षेत्र की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश एमएसएमई के भविष्य को राष्ट्र के भविष्य के रूप में देखता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाहन उद्योग को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग सात प्रतिशत की अपनी बड़ी हिस्सेदारी के साथ देश की अर्थव्यवस्था को और गति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और नवप्रवर्तन को बढ़ावा देने में भी इसकी बहुत बड़ी भूमिका है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हर साल लगभग 45 लाख कारों का विनिर्माण होता है। लगभग दो करोड़ दोपहिया, 10 लाख वाणिज्यिक वाहन और 8.5 लाख तिपहिया वाहनों का भी विनिर्माण होता है।’’

भाषा रमण अजय

अजय