मुंबई में जुलाई में मकानों की रजिस्ट्री बढ़कर 9,037 इकाई पर : रिपोर्ट

मुंबई में जुलाई में मकानों की रजिस्ट्री बढ़कर 9,037 इकाई पर : रिपोर्ट

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  • Publish Date - July 30, 2021 / 06:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

नयी दिल्ली 30 जुलाई (भाषा) अचल सम्पत्ति बाजार पर अनुसंधान एवं परामर्श सेवाएं देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया के अनुसार बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) क्षेत्र में आवासीय संपत्तियों का पंजीकरण नयी बिक्री के बल पर जुलाई में तीन गुना बढ़कर अब तक 9,037 इकाई पर पहुंच गया है।

नाइट फ्रैंक ने अपनी एक ताजा रपट में कहा कि बीएमसी क्षेत्र (चर्च गेट से दहीसर और कोलाबा से मुलुंड) के बीच के इलाकों में 30 जुलाई दोपहर तक 9,037 आवासीय संपत्तियों का पंजीकरण कराया गया।

रिपोर्ट के अनुसार इस साल जून ऐसी 7,857 संपत्तियों की रजिस्ट्री हुई थी।

इससे पिछले वर्ष जुलाई के दौरान 2,662 मकानों का पंजीकरण हुआ था।

नाइट फ्रैंक ने कहा कि जुलाई में पंजीकृत कराए गए 53 फीसदी आवास नई बिक्री के हे।। जबकि यह अनुपात जून में 42 प्रतिशत, मई में 29 प्रतिशत और अप्रैल में 7 प्रतिशत था।

महाराष्ट्र सरकार ने कोविड19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए दरअसल दिसंबर 2020 में मकान खरीदने वालों को पंजीकरण कराने को प्रोत्साहित करने के लिए स्टाम्प शुल्क चुकाने के बाद पंजीकरण के लिए चार महीने की छूट दे दी थी ताकि निबंधक-कार्यालयों में भीड़-भाड़ न हो।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘कोविड की दूसरी लहर के बावजूद संपत्ति पंजीकरण में एक मजबूत उछाल देखना उत्साहजनक है। संपत्ति पंजीकरण मई 2021 से मासिक आधार पर बढ़ना जारी है और जुलाई 2021 में 9,000 इकाइयों का आंकड़ा पार कर गया है।’’

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार, लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील और टीकाकरण में तेजी से हमें पंजीकरण में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है लेकिन महामारी की तीसरी लहर से भी बचा रहना होगा।

पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लि. के प्रबंध निदेशक रोहित पोद्दार ने कहा कि आने वाले महीनों में मकानों के पंजीकरण में तेजी बनी रहने की संभावना है क्यों कि ‘नयी आवासीय इकाइयों की बिक्री की मांग इस समय बेजोड़ है। उन्होंने कहा कि 2022 तक सभी को आवास मिशन के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और आवास विकास कंपनियों की प्रोत्साहन योजनाओं से महिला खरीदारों की भी वृद्धि होगी।

भाषा जतिन

मनोहर

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