हरियाणा में सरकारी खरीद होने के बाद सरसों तेल तिलहन में सुधार

हरियाणा में सरकारी खरीद होने के बाद सरसों तेल तिलहन में सुधार

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 08:25 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 08:25 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) घरेलू बाजार में सोमवार को सरसों तेल तिलहन, सोयाबीन तिलहन, कच्चा पाामतेल (सीपीओ) तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया। दूसरी ओर ऊंचे भाव पर लिवाली प्रभावित रहने की वजह से मूंगफली तेल तिलहन के दाम में गिरावट आई। सोयाबीन तेल और पामोलीन के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि हरियाणा में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अधिकांश सरसों फसल की खरीद होने के कारण सरसों तेल तिलहन के भाव में मजबूती रही। किसानों के बीच बाकी राज्यों में भी इस खरीद के होने की उम्मीद से उनमें उत्साह है। इस कदम से किसानों को उचित दाम मिलेंगे, देशी तेल पेराई मिलें चलेंगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में दलहन की कमी को देखते हुए सरकारी पोर्टल पर दलहन के स्टॉक का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है। अगर ऐसा ही पोर्टल, खाद्यतेलों के लिए बना दिया जाये जहां खाद्यतेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की नियमित तौर पर घोषणा अनिवार्य कर दी जाये तो उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकती है क्योंकि कंपनियों की खुदरा दरें ग्राहकों के साथ साथ सरकार के लिए सुलभ होंगी और उनकी निगरानी संभव हो सकता है।

मौजूदा समय में सरसों, सोयाबीन जैसे देशी तेल के थोक दाम आयातित खाद्यतेलों के थोक दाम के बीच का अंतर लगभग 10 रुपये लीटर का है। लेकिन खुदरा में अलग अलग कंपनियां मनमाने दाम पर इन्हीं खाद्यतेलों को बेच रही हैं। पोर्टल पर एमआरपी कीमतों की घोषणा करने से इस मनमानी पर रोक लगने की संभावना है और तेल तिलहन उद्योग की लगभग 75 प्रतिशत समस्या सुलझ सकती है।

सूत्रों ने कहा कि देशी तेल सरसों का थोक दाम 91-92 रुपये लीटर है जबकि आयातित पामोलीन, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का थोक दाम 81-82 रुपये लीटर है। आयातित तेल का एमआरपी खुदरा में 100-102 रुपये लीटर होना चाहिये। देशी तेल सरसों का एमआरपी खुदरा में 110-114 रुपये लीटर होना चाहिये। लेकिन बाजार में या मॉल में जाकर भाव लें तो असलियत सामने आ जायेगी। ‘पोर्टल’ बनने से इस मनमानी को काबू करना संभव हो सकता है।

मलेशिया में सुधार है जबकि शिकागो एक्सचेंज में घट बढ़ है।

सूत्रों ने कहा कि बिनौले की उपलब्धता काफी कम रहने से इसमें सुधार है। अक्टूबर-नवंबर में अगली फसल आने पर ही इसमें आगे की दिशा तय होगी।

उन्होंने कहा कि आवक कम होने और किसानों द्वारा कम दाम पर बिकवाली से बचने के कारण सोयाबीन तिलहन में सुधार है। खाद्यतेलों की आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद के बीच सोयाबीन तेल की बिक्री पर लगने वाले प्रीमियम के कम होने की संभावना के कारण सोयाबीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर रहे।

हाजिर बाजार में माल की तंगी और बेकरी की मांग होने से सीपीओ में सुधार है जबकि सोयाबीन के भाव के बराबर होने और पामोलीन की उपलब्धता में सुधार के कारण पामोलीन तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,285-5,325 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,100-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,650 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,225-2,490 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,730-1,830 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,730-1,845 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,025 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,725 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,375 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,825 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,825 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,175 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,770-4,790 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,570-4,610 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण