एनसीएलएटी ने प्ले स्टोर मामले के फैसले से गूगल की गोपनीय जानकारी हटाने का दिया निर्देश

एनसीएलएटी ने प्ले स्टोर मामले के फैसले से गूगल की गोपनीय जानकारी हटाने का दिया निर्देश

एनसीएलएटी ने प्ले स्टोर मामले के फैसले से गूगल की गोपनीय जानकारी हटाने का दिया निर्देश
Modified Date: April 17, 2025 / 02:07 pm IST
Published Date: April 17, 2025 2:07 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) ने गूगल प्ले स्टोर की नीति पर पिछले महीने दिए अपने फैसले से गूगल की राजस्व संबंधी जानकारी वाले गोपनीय पत्र के अंशों को हटाने का निर्देश दिया है।

एनसीएलएटी ने 28 मार्च को निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस फैसले को बरकरार रखा था कि कंपनी की ऐप स्टोर ‘बिलिंग’ नीति डेवलपर के लिए अनुचित व प्रतिबंधात्मक थी। हालांकि, इसने जुर्माने की राशि को 936.44 करोड़ रुपये से करीब एक चौथाई घटाकर 216 करोड़ रुपये कर दिया था।

अल्फाबेट इंक और गूगल इंक ने 104 पृष्ठ के आदेश से पैरा 97 से 100 को हटाने के लिए एनसीएलएटी में आवेदन किया और छह अक्टूबर 2022 का एक पत्र प्रस्तुत किया जो एक गोपनीय दस्तावेज है।

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यह गोपनीय दस्तावेज उनके द्वारा दी गई राजस्व जानकारी के जवाब में था। इसमें गोपनीय राजस्व आंकड़ों का उल्लेख था।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने भी इस पर गोपनीयता बनाए रखी थी। हालांकि, एनसीएलएटी ने 28 मार्च को अपने फैसले में 97 से 100 में गोपनीय दस्तावेज के अंश उद्धृत किए थे।

अल्फाबेट और गूगल इंक ने अनुरोध किया कि गोपनीयता बनाए रखी जानी चाहिए और पैरा 97 से 100 को फैसले के साथ-साथ वेबसाइट तथा प्रमाणित प्रति से भी हटाया जाना चाहिए।

एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने इस पर सहमति जतायी।

पीठ ने कहा, ‘‘ हमें आवेदक की दलील सही प्रतीत होती है। फैसले के पैरा 97 से 100 में छह अक्टूबर 2022 के गोपनीय पत्र का अंश उद्धृत किया गया है, इसलिए गोपनीयता बनाए रखने के लिए, हम आवेदन में की गई प्रार्थनाओं को स्वीकार करते हैं।’’

अल्फाबेट इंक और गूगल इंक की याचिका को स्वीकार करते हुए अपील अधिकरण ने निर्देश दिया, ‘‘ वेबसाइट से पैरा 97 से 100 को हटा दिया जाए और अब से केवल निर्णय के हटाए गए हिस्से की प्रमाणित प्रति दी जाए।’’

इसने साथ ही निर्देश दिया, ‘‘ निर्णय का संपादित संस्करण वेबसाइट पर साझा किया जाए।’’

एनसीएलएटी ने 28 मार्च के अपने आदेश में दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल को तगड़ा झटका देते गुए कहा था कि गूगल ने बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया है और कानून की धारा का उल्लंघन किया है।

हालांकि एनसीएलएटी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की तरफ से गूगल पर लगाए गए 936.44 करोड़ रुपये के जुर्माने में भारी कटौती कर 216 करोड़ रुपये कर दिया।

एनसीएलएटी ने कहा था कि चूंकि गूगल ने पहले ही वर्तमान अपील में जुर्माने का 10 प्रतिशत जमा कर दिया है, लिहाजा उसे जुर्माने की शेष राशि आज से 30 दिन के भीतर जमा करनी होगी।

इससे पहले 25 अक्टूबर 2022 को प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल पर अपने प्ले स्टोर से जुड़ी नीतियों के संबंध में अपनी प्रमुख बाजार स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश

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