एनसीएलटी ने वेदांता के कारोबार विभाजन पर सुनवाई आठ अक्टूबर तक टाली

एनसीएलटी ने वेदांता के कारोबार विभाजन पर सुनवाई आठ अक्टूबर तक टाली

एनसीएलटी ने वेदांता के कारोबार विभाजन पर सुनवाई आठ अक्टूबर तक टाली
Modified Date: September 17, 2025 / 05:36 pm IST
Published Date: September 17, 2025 5:36 pm IST

मुंबई, 17 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बुधवार को सरकार की आपत्ति के बाद खनन एवं धातु दिग्गज वेदांता लिमिटेड की कारोबार विभाजन योजना पर सुनवाई आठ अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वेदांता की इस योजना पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसमें कुछ जरूरी खुलासे नहीं किए गए हैं।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने वेदांता और मंत्रालय को इस संबंध में पांच दिन के भीतर लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

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मंत्रालय का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि वे राजस्थान के आरजे-ओएन-90/1 तेल एवं गैस ब्लॉक से संबंधित विवरण और इसके आधार पर लिए गए ऋण के खुलासे चाहते हैं।

इस पर वेदांता के वकील ने कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मंगलवार को कंपनी के धातु एवं ऊर्जा व्यवसायों के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी थी। इसमें तलवंडी साबो पावर (टीएसपीएल) भी शामिल है। एनसीएलएटी ने टीएसपीएल के कारोबार को मूल कंपनी वेदांता लिमिटेड से अलग करने को मंजूरी दे दी है।

वेदांता के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी ने सभी जरूरी अनुपालन शर्तों को पूरा किया है।

इस बीच, सेप्को इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन ने 11 सितंबर को समझौता होने के बाद अपनी हस्तक्षेप याचिका वापस ले ली। सेप्को टीएसपीएल की एक प्रमुख लेनदार थी और 1,251 करोड़ रुपये के बकाया का हवाला देकर उसने कारोबार विभाजन का विरोध किया था।

कारोबार विभाजन की प्रारंभिक योजना में वेदांता को छह स्वतंत्र इकाइयों में विभाजित किया जाना था, लेकिन संशोधित योजना में बेस मेटल व्यवसाय को मूल कंपनी में ही रखा गया है।

वेदांता ने कारोबार विभाजन का उद्देश्य संचालन में सुधार, प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना और शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजन करना बताया है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


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