नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने एपीएल अपोलो ट्यूब्स की तरफ से दायर दिवाला समाधान अर्जी पर नए सिरे से गौर करने का एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) को निर्देश दिया है।
एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने एपीएल अपोलो ट्यूब्स की दिवाला अर्जी को ‘परिकल्पित विवेचना’ के आधार पर नकारने के लिए एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ को फटकार लगाई।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि एनसीएलटी को ‘‘किसी भी दलील के साक्ष्य के अभाव में अपने खुद के निष्कर्ष को प्रतिस्थापित करके मुकदमेबाजी करने वाले पक्ष में जाने से बचना चाहिए।’’
इसके साथ ही एनसीएलएटी ने एनसीएलटी को यथासंभव शीघ्रता से कार्यवाही तय करने के लिए सभी प्रयास करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश एनसीएलटी के एक आदेश के खिलाफ एपीएल अपोलो ट्यूब्स की तरफ से दायर याचिका पर आया है। तनिषा स्कैफोल्डिंग के खिलाफ एक परिचालन लेनदार के रूप में दायर एपीएल अपोलो ट्यूब्स की दिवाला समाधान अर्जी एनसीएलटी ने नौ सितंबर, 2019 को ठुकरा दी थी।
तनिषा स्कैफोल्डिंग एपीएल अपोलो ट्यूब्स द्वारा निर्मित उत्पादों के विपणन में लगी हुई थी। आपूर्ति के खिलाफ कुछ राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर एपीएल अपोलो ट्यूब्स ने उसके खिलाफ दिवाला समाधान याचिका दायर की थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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