साल अंत तक निफ्टी 14,500 अंक, रुपये का मूल्य घटकर 81 प्रति डॉलर तक आने की आशंका: रिपोर्ट |

साल अंत तक निफ्टी 14,500 अंक, रुपये का मूल्य घटकर 81 प्रति डॉलर तक आने की आशंका: रिपोर्ट

साल अंत तक निफ्टी 14,500 अंक, रुपये का मूल्य घटकर 81 प्रति डॉलर तक आने की आशंका: रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : June 22, 2022/8:29 pm IST

मुंबई, 22 जून (भाषा) भारतीय शेयर बाजार इस साल अगस्त या सितंबर में अपने निचले स्तर तक जा सकता है और उसके बाद इसमें सुधार आने की उम्मीद है। ऐसे में 50 शेयरों पर आधारित नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इस साल के अंत तक छह प्रतिशत की और गिरावट के साथ 14,500 अंक तक जा सकता है।

अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी बोफा सिक्योरिटीज ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। उसने कहा कि कंपनियों के पास सस्ते माल भंडार का जो सकारात्मक प्रभाव था, वह अब खत्म हो गया है। इसके कारण कंपनियों की कमाई में कटौती की गयी है। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत में तेजी तथा निफ्टी के कुछ शेयरों का कमजोर मूल्यांकन जैसे कुछ कारण हैं, जो बाजार को नीचे लाएगा।

ब्रोकरेज कंपनी ने इससे पहले निफ्टी के इस साल के अंत तक 19,100 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर जाने का अनुमान जताया था। हालांकि, बाद में बिकवाली को देखते हुए कंपनी ने अपने अनुमान को घटाकर 17,000 अंक कर दिया था।

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर नीतिगत दरों में वृद्धि तथा जिंसों की उच्च कीमतों के कारण निफ्टी में पिछले कुछ सप्ताह के दौरान गिरावट आई है। बुधवार को यह 1.44 प्रतिशत गिरकर 15,413.30 अंक पर बंद हुआ।

ब्रोकरेज कंपनी के विश्लेषकों ने कहा, ‘‘ हाल के सुधार के बावजूद हम बाजारों को लेकर सतर्क हैं। वैश्विक स्तर पर सख्त मौद्रिक नीतियों और अमेरिका में मंदी की आशंका समेत धीमी आर्थिक वृद्धि के अलावा हम अन्य जोखिमों को भी देख रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि अन्य जोखिमों में कंपनियों की आय में चार प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका शामिल है। कच्चे तेल की कीमतों का उछाल का भी जोखिम है, जिसका भाव 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।

इस बीच, ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि वर्ष 2022 के अंत तक अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 81 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकती है।

हालांकि, विश्लेषकों ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास लगभग 600 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जो इन जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

भाषा जतिन रमण पाण्डेय

पाण्डेय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)