अब 500 करोड़ रुपये से अधिक की ढांचागत परियोजनाओं के लिए पीएम गतिशक्ति के एनपीजी से मंजूरी लेनी होगी

अब 500 करोड़ रुपये से अधिक की ढांचागत परियोजनाओं के लिए पीएम गतिशक्ति के एनपीजी से मंजूरी लेनी होगी

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  • Publish Date - May 22, 2022 / 10:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) लॉजिस्टिक्स और संपर्क (कनेक्टिविटी) से जुड़े बुनियादी ढांचे से संबंधित 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं को अब पीएम गतिशक्ति पहल के तहत गठित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) से मंजूरी लेनी होगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

वित्त मंत्रालय ने इस बारे में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच भी बनाया है।

पीएम गतिशक्ति योजना की घोषणा पिछले साल विभागीय ‘कोठरी’ को तोड़ने और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक समग्र और एकीकृत नियोजन को लाने के उद्देश्य से की गई थी।

इसका मकसद बहु-मॉडल और अंतिम छोर तक संपर्क के मुद्दे को हल करना है।

अधिकारी ने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स की लागत नीचे आएगी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अधिक प्रभावी और कुशल योजना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

एक एकीकृत बुनियादी ढांचा नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) का गठन भी किया गया है जिसमें संपर्क से जुड़े विभिन्न विभागों/मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। योजना और प्रस्तावों के एकीकरण के लिए एनपीजी में नेटवर्क योजना प्रभाग के प्रमुख शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रीय मास्टर प्लान डिजिटल मंच बनाया है। हमने संबंधित लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया है और अब हमारे पास वित्त मंत्रालय से यह अनिवार्य प्रावधान है। इसलिए अब सभी लॉजिस्टिक्स और संपर्क परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के आधार पर मंजूरी मिलेगी। 500 करोड़ रुपये से अधिक की सभी परियोजनाओं पर एनपीजी द्वारा विचार किया जाएगा।

डीपीआईआईटी ने विभिन्न सरकारी विभागों के साथ कई प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं और राज्यों में क्षेत्रीय सम्मेलनों का भी आयोजन किया है।

सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं एनपीजी में आएंगी। तकनीकी समर्थन के लिए भी एक इकाई बनाई गई है।

अधिकारी ने बताया कि विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) बनाने से पहले सभी विभागों को एनपीजी के पास आना होगा। एनपीजी की मंजूरी के बाद परियोजना को सामान्य प्रक्रिया के तहत वित्त मंत्रालय और मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी।

भाषा अजय अजय

अजय