नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) भारत के विद्युतीकरण कार्यक्रम ने बिजली की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसके तहत बिजली से वंचित 13 छोटे गांवों में से एक और सात ग्रामीण परिवारों में से एक को बिजली का कनेक्शन मिला है। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है।
इस कार्यक्रम के कारण घरेलू ग्रिड कनेक्शन में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और बिजली की रोशनी तथा पंखे जैसी बुनियादी सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ। हालांकि, अधिक महंगे उपकरणों को अपनाने में वृद्धि नहीं देखी गई।
वर्ष 2005 में शुरू की गई राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना का उद्देश्य चार लाख से अधिक गांवों तक बिजली पहुंचाना था।
‘जर्नल ऑफ पॉलिटिकल इकनॉमी’ में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि इस कार्यक्रम ने 300 से अधिक निवासियों वाले गांवों में बिजली की पहुंच में भारी वृद्धि की। हालांकि, विद्युतीकरण का आर्थिक प्रभाव गांव के आकार के आधार पर अलग-अलग रहा।
शिकॉगो विश्वविद्यालय के हैरिस स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के शोधकर्ता फियोना बर्लिग और मैरीलैंड विश्वविद्यालय के लुइस प्रेओनास ने ग्रामीण समुदायों पर विद्युतीकरण के प्रभावों का विश्लेषण किया।
अध्ययन में पाया गया कि ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम ने बिजली की पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसमें 13 में से एक छोटे गांव (लगभग 300 निवासी) और सात में से एक ग्रामीण परिवार को बिजली मिली है।
इसमें कहा गया कि 300 से कम आबादी वाले गांवों में आर्थिक वृद्धि पर विद्युतीकरण का कोई खास असर नहीं पड़ा। दूसरी ओर लगभग 2,000 की आबादी वाले बड़े गांवों में विद्युतीकरण के बाद काफी आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई।
इन बड़े गांवों में प्रति व्यक्ति मासिक व्यय लगभग दोगुनी हो गई और इसमें 1,428 रुपये प्रति माह की वृद्धि हुई।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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