भारत का वार्षिक हरित वित्त जरूरत का मात्र एक-चौथाई : अध्ययन |

भारत का वार्षिक हरित वित्त जरूरत का मात्र एक-चौथाई : अध्ययन

भारत का वार्षिक हरित वित्त जरूरत का मात्र एक-चौथाई : अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : August 11, 2022/3:11 pm IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) एक विश्लेषण और सलाहकार संगठन ने भारत के हरित निवेश प्रवाह की निगरानी के पहले प्रयास पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत में हरित निवेश का प्रवाह उसके महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य को पूरा करने की दृष्टि से काफी कम है।

जलवायु नीति पहल ने ‘भारत में हरित वित्त का परिदृश्य’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में दावा किया है कि 2019-20 में कुल हरित वित्त 3,09,000 करोड़ रुपये (लगभग 44 अरब डॉलर) सालाना था, जो भारत की जरूरतों के एक-चौथाई से भी कम है।

अमेरिका स्थित संगठन ने बयान में कहा कि रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत-पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) हासिल करने के लिए देश को 2030 तक लगभग 162.5 लाख करोड़ रुपये (2,500 अरब डॉलर) या प्रति वर्ष लगभग 11 लाख करोड़ रुपये (170 अरब डॉलर) की जरूरत है।

संगठन ने कहा कि वास्तविक अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों….स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ परिवहन और ऊर्जा दक्षता के लिए वित्त के प्रवाह का आकलन किया गया है।

यह अध्ययन पूंजी के सार्वजनिक और निजी दोनों स्रोतों के साथ-साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रवाह पर नजर रखता है।

भाषा रिया अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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