दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की बढ़ती मांग के बीच संसदीय समिति ने आईआरईएल का बजट बढ़ाने को कहा

दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की बढ़ती मांग के बीच संसदीय समिति ने आईआरईएल का बजट बढ़ाने को कहा

दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की बढ़ती मांग के बीच संसदीय समिति ने आईआरईएल का बजट बढ़ाने को कहा
Modified Date: December 21, 2025 / 12:20 pm IST
Published Date: December 21, 2025 12:20 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) वैश्विक स्तर पर दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की बढ़ती मांग के बीच एक संसदीय पैनल ने सरकार से कहा है कि वह महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन को प्राथमिकता देने के लिए सरकारी कंपनी आईआरईएल इंडिया को बजटीय समर्थन बढ़ाए।

परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आईआरईएल इंडिया देश की एकमात्र कंपनी है, जो दुर्लभ पृथ्वी अयस्कों के खनन और उन्हें परिष्कृत करने का काम करती है।

कोयला, खान और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने अपनी ताजा रिपोर्ट में सरकार से इस क्षेत्र में घरेलू उपलब्धता, पहचान, खोज और आर्थिक व्यवहार्यता के लिए रणनीति तैयार करने को भी कहा है, ताकि देश की आयात पर निर्भरता कम की जा सके।

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दुर्लभ पृथ्वी खनिज सामान्य रूप से धात्विक तत्वों का एक समूह होते हैं, जिन्हें निकालना और प्रसंस्करण करना कठिन और महंगा होता है।

इनका उपयोग पवन ऊर्जा टरबाइन, हाइब्रिड कार बैटरियां, इलेक्ट्रिक मोटर, सौर ऊर्जा और रक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को आईआरईएल जैसी मौजूदा संस्थाओं को लक्षित बजटीय आवंटन के माध्यम से मजबूत करने पर विचार करना चाहिए, ताकि दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की खोज और खनन को प्राथमिकता दी जा सके।

इसके अलावा समिति ने सुझाव दिया कि खान मंत्रालय को दुर्लभ पृथ्वी खनिज क्षेत्र में तकनीकी जानकारी और खनिज प्रसंस्करण क्षमताओं के हस्तांतरण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भी विचार करना चाहिए।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय


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