नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) घरेलू वाहन कंपनियों महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने बृहस्पतिवार को पीएम ई-ड्राइव योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की स्वीकार्यता बढ़ेगी यानी ज्यादा लोग इनको खरीदना चाहेंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर को बस, एम्बुलेंस और ट्रक समेत ईवी को बढ़ावा देने वाली दो प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनका कुल परिव्यय 14,335 करोड़ रुपये है।
ये दो योजनाएं – दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव क्रांति इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना, और 3,435 करोड़ रुपये के बजट के साथ पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना हैं।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक अनीश शाह ने बयान में कहा, “दोपहिया, तिपहिया, ई-बसों और ई-एम्बुलेंस को समर्थन के साथ यह योजना देश में ईवी पैठ बढ़ाएगी।”
उन्होंने कहा कि सभी खंडों के लिए तेज चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए किए गए निवेश से इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।
शाह ने कहा, “पीएम ई-ड्राइव के साथ हम भारत को इस खंड में 2030 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण प्राप्त करने वाला पहला देश बनता देख रहे हैं।”
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा कि यह योजना विशेष रूप से ट्रक, बस और एम्बुलेंस खंड में शून्य-उत्सर्जन परिवहन की ओर भारत की यात्रा को और अधिक गति और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा, “हम पर्यावरण अनुकूल परिवहन की दिशा में राष्ट्र निर्माण के इस प्रयास में सरकार और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे।”
ऑनलाइन कैब बुकिंग सेवा उपलब्ध कराने वाली ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने कहा कि यह योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
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