बिजली मंत्री ने ऊर्जा बदलाव के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से समिति गठित करने को कहा

बिजली मंत्री ने ऊर्जा बदलाव के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से समिति गठित करने को कहा

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  • Publish Date - May 25, 2022 / 04:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऊर्जा बदलाव को लेकर राज्यस्तरीय निगरानी समिति गठित करने तथा 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल का उपयोग बंद करने को लेकर प्रयास करने को कहा है।

निगरानी समिति संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की अध्यक्षता में काम करेगी।

बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल से ऊर्जा बदलाव को लेकर राज्यस्तरीय निगरानी समिति गठित करने को कहा है।’’

ऊर्जा बदलाव से आशय तापीय बिजली की जगह नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग से है।

बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, परिवहन, उद्योग, आवास एवं शहरी मामलों का विभाग, कृषि, ग्रामीण विकास एवं लोक निर्माण विभाग आदि के प्रधान सचिव इन समितियों के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

समिति को मिली जिम्मेदारी के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऊर्जा बदलाव की वार्षिक रणनीति पर काम करेंगे।

मंत्री ने बयान में कहा कि कुशल तरीके से सतत विकास पर राज्यस्तरीय लक्ष्यों को पूरा करने में राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जतायी गयी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का एकमात्र जरिया ऊर्जा बदलाव है।

सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश, केरल, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कुछ राज्य पहले ही ऐसी समितियों का गठन कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा बदलाव के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक साथ कई स्तरों पर काम करना होगा।

सिंह ने कहा कि अगर हम सभी इसपर सामूहिक रूप से काम करें, तो हम न केवल अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे, बल्कि इससे नए रोजगार भी पैदा होंगे, विकास में तेजी आएगी और अंततः देश के प्रत्येक नागरिक को लाभ होगा।

मंत्री ने राज्यों से कृषि क्षेत्र में डीजल की खपत को सीमित करके 2024 तक कृषि में इस ईंधन का उपयोग शून्य स्तर पर लाने की दिशा में प्रयास करने का भी आग्रह किया।

इस संबंध में पीएम-कुसुम योजना के तहत अलग-अलग कृषि फीडर के लिये सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर आरडीएसएस (संशोधित वितरण क्षेत्र योजना)के माध्यम से वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है।

भाषा

रमण अजय

अजय