मुंबई, 14 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के बाद रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से 7,100 करोड़ रुपये मिलेंगे। कंपनी के चेयरमैन अनिल अंबानी ने मंगलवार को शेयरधारकों को यह जानकारी दी।
अंबानी ने कहा कि डीएमआरसी से मिले भुगतान का इस्तेमाल कंपनी का कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा। एकल आधार पर कंपनी पर 3,808 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके बाद कंपनी ऋणमुक्त हो जाएगी।
पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन का परिचालन कर चुकी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लि. (डीएएमईपीएल) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता अदालत के निर्णय को सही ठहराया था।
अंबानी ने कंपनी की सालाना आमसभा में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद रिलायंस इन्फ्रा की इकाई डीएएमईपीएल को डीएमआरसी से 7,100 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस राशि का इस्तेमाल कंपनी का कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा। इसके बाद कंपनी कर्जमुक्त हो जाएगी।’’
अंबानी ने कहा कि विभिन्न मंचों पर कंपनी के 15,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त दावे लंबित हैं। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कारोबार के लिए कंपनी की 50,000 करोड़ रुपये की नियामकीय संपत्तियां विभिन्न मंचों में मंजूरी या विवाद में हैं।
उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी ने दिल्ली आगरा टोल रोड में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री क्यूब हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर तीन पीटीई लि. को 3,600 करोड़ रुपये में पूरी की है। इसके अलावा कंपनी ने पार्वती कोलडैम ट्रांसमिशन कंपनी लि. में अपनी समूची 74 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री इंडिया ग्रिड ट्रस्ट को 900 करोड़ रुपये के उपक्रम मूल्य में पूरी की है।
अंबानी ने कहा कि बिजली वितरण, इंजीनियरिंग में नए अनुबंध, खरीद और निर्माण कारोबार तथा रक्षा विनिर्माण कंपनी के नए वृद्धि इंजन है। पिछले कुछ साल अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह के लिए काफी मुश्किलों वाले रहे हैं। समूह को दूरसंचार कारोबार से बाहर निकलना पड़ा है और साथ ही अन्य वित्तीय दिक्कतों से जूझना पड़ा है।
भाषा अजय
अजय महाबीर
महाबीर
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