नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने कहा है कि झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हाल में हुई अच्छी बारिश धान की फसल के लिये लाभदायक है और इससे देश में खरीफ मौसम में चावल उत्पादन घटने के अनुमान में कुछ हद तक कमी आएगी।
कृषि मंत्रालय ने अपने पहले अनुमान में चावल उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र में सालाना आधार पर छह प्रतिशत घटकर 10.49 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया है।
आईएआरआई के निदेशक ए के सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि बारिश कम होने से कुछ राज्यों में धान की बुवाई के रकबे में कमी चिंता का कारण रही है।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से पिछले कुछ दिनों से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में अच्छी बारिश हुई है। यह किसानों के लिये बड़ी राहत की बात है क्योंकि लंबी अवधि वाली धान की किस्म के लिये पानी की जरूरत होती है।
सिंह ने कहा कि यह धान की फसल के विकास का सबसे सक्रिय चरण है और ऐसे में यह बारिश बहुत फायदेमंद होगी। बारिश के न होने और सिंचाई की खराब व्यवस्था से धान की फसल के नुकसान का जो अनुमान है, उसमें 10 से 15 प्रतिशत की भरपाई हो जाएगी
उन्होंने कहा कि चावल उत्पादन का नुकसान कुछ हद तक कम होगा। कृषि मंत्रालय इसे अगली फसल अनुमान में दर्ज करेगा।
कम बारिश के कारण पिछले सप्ताह तक धान बुवाई का रकबा कम था। मुख्य रूप से झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में धान का रकबा घटा है।
आईएआरआई के निदेशक ने कहा कि दूसरी तरफ पंजाब के उत्तर-पश्चिम, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में धान की फसल अच्छी है।
भाषा
रमण अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)