नियामकों, सरकार को प्रणालीगत वित्तीय जोखिम के आकलन के लिए मिलकर काम करना चाहिए:आईआरडीएआई प्रमुख
नियामकों, सरकार को प्रणालीगत वित्तीय जोखिम के आकलन के लिए मिलकर काम करना चाहिए:आईआरडीएआई प्रमुख
मुंबई, सात नवंबर (भाषा) भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के चेयरमैन अजय सेठ ने शुक्रवार को कहा कि नियामकों और सरकार को प्रणालीगत जलवायु वित्तीय जोखिम एवं अनुकूलन उपायों की पहचान, आकलन तथा निगरानी के लिए एक व्यापक व सुसंगत ढांचा विकसित करने के वास्ते मिलकर काम करना चाहिए।
कॉरपोरेट कामकाज से जुड़े शिखर सम्मेलन ‘गेटकीपर्स ऑफ गवर्नेंस’ के 10वें संस्करण को संबोधित करते हुए बीमा नियामक प्रमुख ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र-विशिष्ट साइबर सुरक्षा पर मसौदा रणनीति 2026 की शुरुआत तक आईआरडीएआई के पास होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि अंतर्संबंधित वित्तीय क्षेत्र की उभरती चुनौतियों का प्रमुख उदाहरण वित्तीय क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने तथा जलवायु जोखिम पर समन्वित रणनीति तैयार करने में सार्वजनिक प्राधिकरणों के प्रयासों में पाया जा सकता है।
सेठ ने ‘नियामक अंतराल एवं अतिव्याप्त: क्या वे मौजूद हैं’ शीर्षक सत्र में कहा, ‘‘ जलवायु जोखिम के संबंध में सभी नियामकों और सरकार को प्रणालीगत जलवायु वित्तीय जोखिम एवं अनुकूलन उपायों की पहचान, आकलन तथा निगरानी के लिए एक व्यापक व सुसंगत ढांचा विकसित करने में साथ मिलकर काम करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि नेता विकसित अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण या कहें कि केंद्रबिंदु होता है। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जलवायु संबंधी जोखिम से प्रभावी तरीके से निपटने में देश की विकास आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं से समझौता किए बिना दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा दें।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के चेयरमैन ने कहा, ‘‘ इसके साथ ही, विनियमों को पॉलिसी के साथ मिलकर चलना होगा, न कि पॉलिसी से आगे निकलने का प्रयास न करें।’’
सेठ ने साथ ही कहा कि आईएमएफ और विश्व बैंक की 2025 की वित्तीय स्थिरता मूल्यांकन रिपोर्ट में स्वीकार किया गया है कि भारतीय प्राधिकारियों ने विशेष रूप से बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा जोखिम निगरानी को उन्नत किया है। हालांकि साथ ही बैंकों के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा संकट और तनाव परीक्षण को पार क्षेत्रीय एवं बाजार-व्यापी मामलों के लिए विस्तारित करने की सिफारिश भी की गई।
भाषा
निहारिका मनीषा
मनीषा

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