एयरटेल को राहत, अपीलीय न्यायाधिकरण ने दूरसंचार विभाग की 1,376 करोड़ रुपये की मांग पर रोक लगाई

एयरटेल को राहत, अपीलीय न्यायाधिकरण ने दूरसंचार विभाग की 1,376 करोड़ रुपये की मांग पर रोक लगाई

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  • Publish Date - September 16, 2021 / 10:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) दूरसंचार विवाद निपटान अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) ने बृहस्पतिवार को दूरसंचार विभाग की भारती एयरटेल से 1,376 करोड़ रुपये की मांग पर रोक लगा दी। यह पिछला बकाया है जो बंद पड़ी दूरसंचार कंपनी वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस से संबद्ध है।

यह बकाया राशि वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस से जुड़ी है। कंपनी के स्पेक्ट्रम का सुनील मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी ने 2016 में अधिग्रहण किया था। उच्चतम न्यायालय के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर निर्णय के बाद दूरसंचार विभाग ने एयरटेल से बकाया देने को कहा।

टीडीसैट ने कंपनी की दलीलों को सुनने के बाद मांग पर रोक लगा दी। साथ ही बैंक गारंटी भुनाने समेत कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है।

वीडियोकॉन ने एयरटेल को छह सर्किल में 1,800 मेगाहट्र्ज में स्पेक्ट्रम 4,428 करोड़ रुपये में बेचे थे।

मामले पर अब 16 नवंबर को सुनवाई होगी।

उच्चतम न्यायालय ने अपने सितंबर 2020 के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) फैसले में स्पष्ट तौर पर यह कहा था कि ऐसे मामले में जहां एक दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा समूचे स्पेक्ट्रम को दूसरे दूरसंचार सेवा प्रदाता को हसतांतरित किया जाता है, ऐसे मामलों में स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग गाइडलाइन के तहत हस्तांतरित किये गये स्पेक्ट्रम से जुड़ी कोई भी पिछली देनदारी खरीदार के जिम्मे होगी।

एयरटेल ने अपनी दलील में कहा कि वह स्पेक्ट्रम अधिग्रहण सौदे के कारण वीडियोकॉन के बकाया के लिए जिम्मेदार नहीं है। कानून के अनुसार विक्रेता की जिम्मेदारी है कि वह स्पेक्ट्रम सौदे के लिए किसी भी समझौते के पूरा होने से पहले सभी बकाया राशि का भुगतान करेगा।

एयरटेल की इस संदर्भ में याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 24 अगस्त को साफ कहा था कि वह एजीआर मामले में अपने निर्णय की समीक्षा नहीं करेगा। लेकिन कंपनी को दूरसंचार विवाद अपीलीय न्यायाधिकरण के पास जाने की अनुमति दे दी थी।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर