पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चिंता की बात, भविष्य के करदाताओं पर पड़ेगा बोझ : बेरी |

पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चिंता की बात, भविष्य के करदाताओं पर पड़ेगा बोझ : बेरी

पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना चिंता की बात, भविष्य के करदाताओं पर पड़ेगा बोझ : बेरी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : November 27, 2022/2:54 pm IST

(बिजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को पुन: शुरू करने पर रविवार को चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे ऐसे समय में भविष्य के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा जब भारत को राजकोषीय स्थिति को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

बेरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने और राजकोषीय मजबूती के माध्यम से निजी क्षेत्र के लिए गुंजाइश बनाने की जरूरत को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी पेंशन योजना के फिर शुरू होने को लेकर मुझे थोड़ी चिंता है। मेरे खयाल से यह चिंता का विषय है क्योंकि इसका भार मौजूदा करदाताओं पर नहीं बल्कि भावी करदाताओं और नागरिकों पर पड़ेगा।’’

ओपीएस के तहत पेंशन की पूरी राशि सरकार देती थी, इस योजना को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने एक अप्रैल, 2004 से बंद कर दिया था। नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा पेंशन के लिए देते हैं जबकि राज्य सरकार इसमें 14 प्रतिशत का योगदान देती है।

बेरी ने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों को अनुशासन का पालन करना चाहिए क्योंकि हम सभी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के साझा लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं ताकि भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था बन सके। दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए अल्पकालिक लक्ष्यों को संतुलित करना आवश्यक है।’’

कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने ओपीएस के क्रियान्वयन का निर्णय पहले ही ले लिया है जबकि भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह इस योजना को बहाल करेगी। झारखंड ने ओपीएस शुरू करने का फैसला किया और आम आदमी पार्टी शासित पंजाब ने भी इस योजना के पुन: क्रियान्वयन को हाल में मंजूरी दी।

हालांकि, उन्होंने बताया कि राज्यों के कर्ज को रिजर्व बैंक ने प्रभावी तरीके से सीमित कर दिया है इसलिए राज्यों की वजह से आर्थिक स्थिरता को कोई खतरा नहीं है। बेरी ने कहा, ‘‘अगले दो वर्ष में वित्तीय मजबूती के जरिये हमें निजी क्षेत्र के लिए जगह बनाना शुरू करना होगा।’’

भाषा मानसी अजय

अजय

 

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