कृषि, ग्रामीण कामगारों के लिए मई में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग स्थिर

कृषि, ग्रामीण कामगारों के लिए मई में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग स्थिर

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  • Publish Date - June 21, 2024 / 05:53 PM IST,
    Updated On - June 21, 2024 / 05:53 PM IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) कृषि श्रमिकों एवं ग्रामीण कामगारों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति मई में क्रमशः सात प्रतिशत एवं 7.02 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रही। अप्रैल में ये दोनों 7.03 प्रतिशत और 6.96 प्रतिशत रही थीं।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मई, 2023 में ये आंकड़े सीपीआई-एएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-कृषि श्रमिक) के लिए 5.99 प्रतिशत और सीपीआई-आरएल (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-ग्रामीण कामगार) के लिए 5.84 प्रतिशत थे।

बयान के अनुसार, कृषि श्रमिकों के लिए सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति मई, 2024 में कम होकर सात प्रतिशत रही। एक माह पहले अप्रैल में यह 7.03 प्रतिशत थी।

वहीं, ग्रामीण कामगारों के मामले में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति मई, 2024 में कुछ बढ़कर 7.02 प्रतिशत रही। यह अप्रैल, 2024 में 6.96 प्रतिशत थी।

कृषि श्रमिकों और ग्रामीण कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मई में छह-छह अंक बढ़कर क्रमश: 1,269 1,281 के स्तर पर रहा।

अप्रैल, 2024 में कृषि श्रमिकों के लिए सीपीआई 1,263 अंक जबकि ग्रामीण कामगार के लिए 1,275 अंक था।

श्रम मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक को बढ़ाने वाले मुख्य वस्तुओं में सब्जियां, दाल, गेहूं (आटा), प्याज, दूध, हल्दी, अदरक, ताजा मछली, ज्वार, पान का पत्ता, दवाएं, साड़ी, चमड़े की चप्पल आदि शामिल हैं।

राज्यों के मुद्रास्फीति में विविधतापूर्ण रुझान देखा गया। बिहार में सीपीआई कृषि श्रमिक और ग्रामीण कामगार, दोनों में गिरावट देखी गई। जम्मू-कश्मीर में कृषि श्रमिकों का सूचकांक स्थिर रहा।

भाषा प्रेम अनुराग रमण

रमण