रिजू ने टीएलपीएल के ग्लास की अनुषंगी के साथ सीसीडी करार के खिलाफ एनसीएलटी का रुख किया
रिजू ने टीएलपीएल के ग्लास की अनुषंगी के साथ सीसीडी करार के खिलाफ एनसीएलटी का रुख किया
नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) रिजू रविंद्रन ने थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और बायजू के अमेरिकी वित्तीय लेनदार ग्लास ट्रस्ट कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी के बीच अनिवार्य परिवर्तनीय डिबेंचर समझौते (सीसीडी) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और फेमा नियमों का उल्लंघन है।
यह समझौता आकाश एजुकेशनल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड (एईएसएल) के चल रहे राइट्स इश्यू में भाग लेने के लिए धन जुटाने को किया गया था, क्योंकि ग्लास ट्रस्ट राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और उच्चतम न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त करने में विफल रही थी।
रिजू ने एनसीएलटी के समक्ष दायर अपने अंतरिम आवेदन में आरोप लगाया है कि अब ग्लास, जिसके पास थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) में 99.25 प्रतिशत मतदान अधिकार हैं, जो दिवालिया शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी बायजू की मालिक है, एईएसएल के राइट्स इश्यू में भाग लेने के लिए अवैध रूप से धन जुटाने का प्रयास कर रही है।
टीएलपीएल के निलंबित निदेशक और प्रवर्तक रिजू ने कहा कि सीसीडी (अनिवार्य परिवर्तनीय डिबेंचर) को फेमा के तहत एफडीआई जैसा दिखाने के लिए तैयार किया गया है। फिर भी, यह वास्तव में ईसीबी (बाह्य वाणिज्यिक उधारी) जैसा ही है, जो मूलतः एक विदेशी ऋण है, जिस पर प्रतिबंध है। इसके अलावा, इसे आईबीसी के तहत अंतरिम वित्त/सीआईआरपी लागत के रूप में भी माना जाता है, जो कानूनी रूप से असंभव है।
टीएलपीएल के पास एईएसएल में लगभग 25.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो अब राइट्स इश्यू के लिए जा रही है, क्योंकि तीन नवंबर, 2025 को उच्चतम न्यायालय ने ग्लास ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
भाषा अजय अजय
अजय

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