रिहायशी संपत्ति में पूंजीगत लाभ फिर से निवेश करने पर 10 करोड़ रुपये की छूट सीमा तय |

रिहायशी संपत्ति में पूंजीगत लाभ फिर से निवेश करने पर 10 करोड़ रुपये की छूट सीमा तय

रिहायशी संपत्ति में पूंजीगत लाभ फिर से निवेश करने पर 10 करोड़ रुपये की छूट सीमा तय

:   Modified Date:  February 1, 2023 / 08:01 PM IST, Published Date : February 1, 2023/8:01 pm IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार ने बुधवार को एक संपत्ति बेचकर दूसरी रिहायशी संपत्ति खरीदने को लेकर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ कर पर कटौती को लेकर 10 करोड़ रुपये की सीमा लगाने का प्रस्ताव किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘कर रियायत और छूटɉ को बेहतर लͯक्षित करने के लिये मैंɇ धारा 54 और 54 एफ के तहत आवासीय मकान में किये गये Ǔनिवेश पर पूंजीगत लाभɉ से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये करने का Ĥप्रस्ताव करती हूं।’’

आयकर की दोनों धाराएं दीर्घकालीन संपत्तियों (आवासीय या अन्य पूंजीगत संपत्ति) की बिक्री से प्राप्त राशि के रिहायशी संपत्ति खरीदने के लिये फिर से निवेश से जुड़ा है।

बजट दस्तावेज के अनुसार नये प्रावधान का उद्देश्य काफी महंगा रिहायशी मकान खरीदने के बाद उच्च नेटवर्थ करदाताओं की तरफ से बड़ी कटौती के दावे पर अंकुश लगाना है।

आयकर कानून की धारा 54 और 54 एफ के तहत दीर्घकालीन पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले पूंजीगत लाभ पर कटौती का प्रावधान है। यह छूट उस स्थिति में मिलती है जब करदाता रिहायशी संपत्ति खरीदता या निर्माण करता है।

धारा 54 के तहत उस स्थिति में दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर कटौती उपलब्ध होती है जब रिहायशी मकान के हस्तांतरण से होने वाले पूंजीगत लाभ को दोबारा से रिहायशी मकान में निवेश किया जाता है। वहीं 54 एफ के तहत कटौती का लाभ तब मिलता है जब रिहायशी मकान को छोड़कर दीर्घकालीन पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले पूंजीगत लाभ को रिहायशी मकान में निवेश किया जाता है।

दस्तावेज में कहा गया है कि इन प्रावधानों का मकसद आवास की कमी को दूर करना तथा मकान निर्माण गतिविधियों में तेजी लाना था।

‘‘लेकिन यह पाया गया कि उच्च नेटवर्थ वाले करदाता काफी महंगा मकान खरीदकर इन प्रावधानों के तहत बड़ी छूट का दावा करते हैं। इस तह इस प्रावधान का जो उद्देश्य था, वह पूरा नहीं हो रहा था।’’

बजट दस्तावेज के मुताबिक इस पर रोक लगाने के लिये अधिकतम कटौती की सीमा लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जिसका दावा करदाता धारा 54 और 54एफ के तहत कर सकते हैं।

इसके तहत एक संपत्ति बेचकर दूसरी रिहायशी संपत्ति खरीदने को लेकर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ कर पर कटौती को लेकर 10 करोड़ रुपये की सीमा लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

संशोधन एक अप्रैल, 2024 से लागू होगा।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers