नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को चार सप्ताह के भीतर उनसे लौटाने को कही गई राशि का 50 प्रतिशत बाजार नियामक सेबी के पास जमा करने को कहा है।
न्यायाधिकरण ने कहा कि अगर एनडीटीवी राशि जमा कर देती है, शेष रकम की वसूली सैट के पास मामला लंबित होने तक नहीं वसूली जाएगी।
चार जनवरी को जारी दो अलग-अलग आदेश में न्यायाधिकरण ने कहा कि रॉय दंपति की तरफ से दायर अपीलों पर विचार करने की जरूरत है और मामले के अंतिम निपटान के लिये 10 फरवरी, 2021 की तारीख तय कर दी गई।
रॉय दंपति ने सेबी के नवंबर में पारित आदेश के खिलाफ अपील दायर की है। अपने आदेश में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 12 साल से अधिक समय पहले भेदिया कारोबार में शामिल होने को लेकर दोनों को दो साल के लिये प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया और अवैध तरीके से अर्जित 16.97 करोड़ रुपये का लाभ लौटाने को कहा।
हालांकि, कंपनी ने आरोप से इनकार किया है।
सेबी ने कहा कि दोनों ने मिलकर न्यू दिल्ली टेलीविजन लि. (एनडीटीवी) के शेयर में भेदिया कारोबार में शामिल होकर लाभ कमाया। दोनों के पास कंपनी के पुनर्गठन से संबंधित कीमत से जुड़ी अप्रकाशित संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) थी।
जांच अवधि के दौरान प्रणय रॉय चेयरमैन एवं पूर्णकालिक निदेशक और राधिका रॉय प्रबंध निदेशक थी। दोनों निर्णय लेने वाली श्रृंखला के हिस्सा थे।
कंपनी के पुनर्गठन को लेकर चर्चा सात सितंबर, 2007 को शुरू हुई और इसकी घोषणा 16 अप्रैल, 2008 को की गयी।
सेबी के अनुसार दंपति ने 17 अप्रैल, 2008 को शेयर बेचे और 16.97 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। जिस समय उन्होंने शेयर बेचे, नियम के अनुसार उस समय वे कारोबार नहीं कर सकते थे।
नियामक के अनुसार ऐसा कर दोनों ने भेदिया कारोबार निरोधक नियमों का उल्लंघन किया। साथ ही भेदिया कारोबार के लिये बनायी गयी एनडीटीवी की आचार संहिता का भी उल्लंघन किया। इसके तहत शेयर बाजारों को सूचना दिये जाने के कम-से-कम 24 घंटे तक कारोबार से रोक लागू थी।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर